गुजरात विधानसभा चुनाव नतीजों से हर कोई अचरज में है। वह इसलिए कि वहां एंटी इनकंबैंसी के बावजूद बीजेपी के प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ा। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में बाकी दलों को बौना साबित कर दिया। भगवा पार्टी की हवा में विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तिनके की तरह उड़ गये।
गुजरात की इस जीत के बाद शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ की गई है। शिवसेना भी हैरान है। उसने इसे प्रधानमंत्री की जीत बताया है। सामना में लिखे एक संपादकीय में लिखा गया, "मोदी गुजरात के 15 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे और इस कालखंड में गुजरात ने खूब तरक्की की। प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी ने गुजरात पर विशेष ध्यान दिया। इसलिए गुजरात की ऐतिहासिक जीत का क्रैडेट केवल मोदी को ही दिया जाना चाहिए। जीत पर किसी को शक नहीं था संपादकीय में पीएम मोदी की तारीफ करते हुए लिखा गया, "गुजरात में भाजपा की ही जीत होगी, इसे लेकर किसी के मन में संदेह निर्माण होने का कोई कारण नहीं था।
कोरोना काल में गुजरात में सबसे ज्यादा हाहाकार मचा। अस्पताल में जगह नहीं थी। श्मशान में शव लिए सगे-संबंधियों की कतारें लगी थीं। फिर भी लोगों ने मोदी की झोली वोटों से भर दी। यह उनकी योजनाबद्ध चुनाव मशीनरी के कारण और प्रधानमंत्री होते हुए भी अपने गृहराज्य पर बारीकी से ध्यान देने की वजह से ही हुआ। चुनाव से पहले मोरबी पुल हादसा हुआ।इस घटना से मारे गये लोगों के परिवार पर दुखों को पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन मोदी मैजिक उस परर भी भारी पड़ता गया जो चुनाव नतीजों में साफ दिखाई पड़ा। क्योंकि मोदी गुजरात के गौरव पुरुष हैं।
आपको बता दें कि बीजेपी ने सात साल बाद राज्य में केसरिया परचम लगरा दिया है। बीजेपी को मुस्लिम समाज का वोट भी खूब पड़ा.खासतौर पर पार्टी की पसमांदा मुसलमानों को जोड़ने की मुहिम बेहद कामयाब बतायी जा रही है। First Updated : Friday, 09 December 2022