Shree Anna : आज पीएम मोदी ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन का करेंगे उद्घाटन

पीएम मोदी नई दिल्ली में आज ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर अन्य देशों के कृषि मंत्री भी शामिल होंगे।

Nisha Srivastava
Nisha Srivastava

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन दो दिनों तक चलेगा। ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन में 100 से ज्यादा देशों के कृषि मंत्री, मोटे अनाज के शोधार्थी, वैज्ञानिक एवं प्रतिनिधि शामिल होंगे। आपको बता दें कि इस कार्यक्रम उद्घाटन आज सुबह करीब 11 बजे होगा।

इस समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल होंगे। उनके अलावा कार्यक्रम में कई बड़े नेता भी शिरकत करेंगे। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस अवसर पर उद्गाटन सत्र को संबोधित करेंगे।

पीएम मोदी जारी करेंगे डाक टिकट

ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन के शुभारंभ के बाद पीएम मोदी इंटरनेशनल मिलेट्स वर्ष 2023 पर एक डाक टिकट, सिक्का, काफी टेबल बुक और वीडियो जारी करेंगे। इस सम्मेलन में कृषि मंत्रियों के साथ गोलमेज सत्र व द्विपक्षीय बैठकें भी भी होंगी।

भारत का लक्ष्य

ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन मोटे अनाज की खेती, पोषण, बाजार एवं अनुसंधान के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगा। आपको बता दें कि भारत सरकार ता उद्देश्य इस सम्मेलन के माध्यम से किसानों, ग्राहकों के लाभ व जलवायु के लिए एक जन आंदोलन बनाना है। इसके लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है।

आपको बता दें कि सरकार ने आईवाईएन 2023 के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए किसानों के स्टार्ट-अप, खुदरा व्यवसायों, निर्यातकों, भारत और विदेशों में सरकार के विभिन्न भागों और होटल के संघों को शामिल किया गया है।

चलाया जाएगा अभियान

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाज के इस्तेमाल के लिए बहुत बडा अभियान चलागा जाएगा। जिससे बड़ी संख्या में देश मोटे अनाज को अपनाएंगे।

कम पानी में भी खेती

ये वो अनाज हैं जिनकी खेती करने के लिए ज्याजा पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। कम पानी में भी मोटे अनाजों की उपज की जा सकती है। आपको बता दें कि अलसी. तिल, बाजरा, कोदो, सांवा, कुटकी, लाल धान, जौ, दलहन में कुल्थी, कोइनी, अरहर और मसूर, तेलहन में मलकोनी जैसे मोटे अनाज को उगाने के लिए उपक्रम की आवश्कयता नहीं पड़ती है। आपको बता दें कि सबसे ज्यादा मोटे अनाजों की खेती कर्नाटक में की जाती है। देश का 19 फीसदी उत्पादक इसी राज्य में होता है।

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18 March 2023, 10:19 AM IST

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