अत्याधुनिक तकनीक...बख्तरबंद सुरक्षा प्रणाली से लैस स्वदेशी लड़ाकू हेलिकॉप्टर वायुसेना के बेड़े मे शामिल

देश का पहला स्वदेशी लड़ाकू हेलिकॉप्टर आज वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया है। यह लाईट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर हिन्दुस्तान एयरोनॉउटिक्स लिमिटेड(HAL) के द्वारा विकसित किया गया है।

Suman Saurabh
Suman Saurabh

जोधपुर :देश का पहला स्वदेशी लड़ाकू हेलिकॉप्टर आज वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया है। यह लाईट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर हिन्दुस्तान एयरोनॉउटिक्स लिमिटेड(HAL) के द्वारा विकसित किया गया है। यह लड़ाकू हेलिकॉप्टर अत्याधुनिक तकनीक से पूरी तरह से लैस है चाहे, वह रडार को चकमा देने की बात हो या दुश्मनों के विमान को सेकंड में घाराशायी कर जमीन पर पटखने की चुनौती हो, यह स्वदेशी हेलिकॉप्टर  हर मापदंड पर खरा उतरता है। 

आज राजस्थान के जोधपुर में भारतीय संस्कृति के अनुसार पुजा-पाठ कर भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है। इस मौके पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी जोधपुर के वायुसेना हवाई अड्डे पर उपस्थित रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना को स्वदेशी हेलिकॉप्टर को सौंपा। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने संबोधन करते हुए कहा, स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) को शामिल करने से हमारी क्षमता में वृद्धि होगी और रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

सिंह ने आगे कहा कि LCH(लाईट काम्बैट हेलिकॉप्टर) को शामिल करने के लिए नवरात्रि और योद्धाओं की भूमि राजस्थान से बेहतर समय नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा भारतीय वायुसेना ने देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई है। चाहे आंतरिक खतरे हों या बाहरी युद्ध, IAF ने हमेशा अपने साहस और बहादुरी से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया है। स्वदेश में विकसित एलसीएच के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की दक्षता में वृद्धि होगी।

एलसीएच दुश्मन को चकमा देने, कई तरह के गोला-बारूद ले जाने और उसे तुरंत साइट पर पहुंचाने में सक्षम है। एलसीएच पूरी तरह से विभिन्न इलाकों में हमारे सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करता है और यह हमारी सेना और वायु सेना दोनों को ताकत प्रदान करता है। सिंह ने कहा कि, लंबे समय से हमलावर हेलीकॉप्टरों की जरूरत थी और 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इसकी जरूरत को गंभीरता से महसूस किया गया था, एलसीएच दो दशकों के अनुसंधान एवं विकास का परिणाम है, और IAF में इसका शामिल होना रक्षा उत्पादन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

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03 October 2022, 11:22 AM IST

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