सुप्रीम कोर्ट ने शाहनवाज हुसैन को दिया बड़ा झटका, भाजपा नेता पर चलेगा रेप का केस
भाजपा के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट में बड़ा झटका मिला है। बता दें कि 2018 में कथित दुष्कर्म मामले में SC ने शाहनवाज हुसैन की याचिका को खारिज करते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। यानी की अब बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता पर रेप का केस चलेगा।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। बता दें कि 2018 में कथित दुष्कर्म मामले में SC ने शाहनवाज हुसैन की याचिका को खारिज करते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। यानी की अब बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता पर रेप का केस चलेगा।
शाहनवाज हुसैन के खिलाफ साल 2018 में महिला ने लगाए थे संगीन आरोप
बात करें इस मामले की तो साल 2018 में शाहनवाज हुसैन के खिलाफ एक महिला ने आरोप लगाया था कि बीजेपी नेता ने अप्रैल 2018 में अपने छतरपुर स्थित फार्महाउस पर बुलाया था। महिला का आरोप है कि इस मुलाकात में उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर दिया गया और फिर बेहोशी के हालत में उसके साथ दुष्कर्म हुआ। लेकिन शाहनवाज हुसैन ने आरोप को सिरे नाकार दिया। ऐसे में इस मामले में महिला ने बीजेपी नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाया था। जहां मजिस्ट्रेट ने शाहनवाज हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। लेकिन वहीं भाजपा नेता ने इसे सत्र अदालत में चुनौती दी थी और वहां पर भी उनकी याचिका खारिज हो गई थी।
हाई कोर्ट ने कहा- जांच होने दें, अगर आप बेगुनाह हैं तो बच जाएंगे
इसके बाद हाई कोर्ट में भी हुसैन की याचिका खारिज हो गई थी। वहीं अब शीर्ष अदालत ने भी भाजपा नेता की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होनें दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शाहनवाज हुसैन को कड़ा संदेश दिया है कि मामले की जांच होने दीजिए, अगर आप बेगुनाह हैं तो आप पर कोई आंच नहीं आएगी।
वहीं इस मामले की सुनवाई के दौरान शाहनवाज हुसैन के वकील मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने दलील देते हुए कहा कि महिला के शिकायत पर पुलिस की जांच में कुछ भी सामने नहीं आया। जबकि बीजेपी नेता के खिलाफ सिलसिलेवार ढंग से हमले हुए हैं। इस पर SC का कहना है हमे फिलहाल इस मामले में हस्तक्षेप की कोई वजह नहीं दिख रही।