जम्मू-कश्मीर के हैदरपोरा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में मारे गए आतंकी आमिर माग्रे का शव कब्र से बाहर निकालने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आमिर के पिता लतीफ ने याचिका दायर कर मांग की थी कि उचित अंतिम संस्कार के लिए कब्र से उसके बेटे का शव निकालने की मंजूरी दी जाए।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बीएस पारदीवाला की बेंच ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि शव के विघटन का आदेश तब तक नहीं दिया जा सकता, जब तक यह न दिखे कि इससे न्याय का हित हो रहा है। अदालत ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आमिर के शव का प्रशासन ने ठीक से अंतिम संस्कार नहीं किया।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बीएस पारदीवाला की बेंच ने कहा कि हम आमिर के पिता की भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन कोर्ट कानून से चलती है। उन्होंने कहा कि पिता लतीफ को आमिर के कब्र स्थल पर प्रार्थना करने की अनुमति दी जाती है।
हैदरपोरा में पिछले साल 15 नवंबर को आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में आतंकी आमिर और उसके तीन अन्य साथी मारे गए थे। पुलिस ने चारों को श्रीनगर से 70 किलोमीटर दूर हंदवाड़ा में दफनाया था।
इससे पहले इस मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इस साल मई में आमिर के शव निकालने की मंजूरी दे दी थी, इसके तुरंत बाद प्रशासन ने डबल बेंच में इस मामले को लेकर अपील कर दी थी। इसके बाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को पलट दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम में अपील की। First Updated : Monday, 12 September 2022