सीएए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 19 सितंबर को करेगा सुनवाई
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई टाल दी गई। वकीलों ने इस मामले में सुनवाई को टालने की मांग की। जिसके बाद चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस रविंद्र भट्ट की बेंच ने इस मामले में 19 सितंबर को सुनवाई करने का फैसला किया।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई टाल दी गई। वकीलों ने इस मामले में सुनवाई को टालने की मांग की। जिसके बाद चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस रविंद्र भट्ट की बेंच ने इस मामले में 19 सितंबर को सुनवाई करने का फैसला किया।
सुप्रीम कोर्ट में सीएए को चुनौती देने वाली 200 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार ने 17 मार्च, 2020 को 133 पेजों का हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून में कोई गड़बड़ी नहीं है। यह कानून में कुछ देशों के खास समुदाय के लोगों के लिए है।
हलफनामें में केंद्र सरकार ने कहा कि संबंधित देशों में धर्म के आधार पर लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है। पिछले 70 सालों में उन देशों में धर्म के आधार पर हुए उत्पीड़न को ध्यान में रखते हुए संसद में यह संशोधन किया है।
सरकार ने कहा कि सीएए से किसी भी भारतीय नागरिक का कानूनी, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष अधिकार प्रभावित नहीं होता है।