सताता है लॉकडाउन का दर्द... सुधर रही बेरोजगारी की स्थिति

देश से कोरोना चला गया हो, लेकिन विश्व के कुछ देशों में कोरोना की चौथी लहर आ गई है। यह हमारे लिए भी चिंता की बात हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का यह कहना है कि लोगों को खुद का ख्याल रखने की जरूरत है। मास्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना लोगों को भूलना नहीं चाहिए।

नई दिल्ली। देश के लोगों को लॉकडाउन का दर्द अभी भी सताता है। ठीक दो साल पहले देश में पहली बार लॉकडाउन लगाया गया था और इसके बाद से ही न केवल बेरोजगारी फैलने लगी थी वहीं देश की आर्थिक गतिविधियां भी पूरी तरह से ठप होने लगी थी लेकिन राहत भरी खबर यह भी है कि अब बेरोजगारी की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है और जो लोग बेकार बैठे थे उन्हें रोजगार मिल रहा है तथा जीडीपी भी सुधर चुकी है। 

स्थिति सुधरने का आंकड़ा तीस प्रतिशत बताया गया है। लॉकडाउन दो वर्ष पहले लगाया गया था परंतु यह राहत की बात ही होगी कि इन दो वर्षों में हमने काफी सुधार कर लिया है। इतना ही नहीं बल्कि जो छोटे-मोटे उद्योग धंधे लॉकडाउन की भंेट चढ़ गए थे वे भी अब पूरी तरह से पटरी पर आ गए है और इनमें या तो पुराने लोगों को ही फिर से रोजगार दे दिया गया है या फिर रोजगार के अवसर भी शिक्षित बेरोजगारों के लिए सामने आ रहे है। प्राप्त जानकारी के अनुसार देश में बेरोजगारी की दर भी 15 प्रतिशत से कम हो गई है जबकि शेयर मार्केट में भी लगातार उछाल आने की बात सामने आ रही है

वो मंजर याद आता है

आपको याद होगा जब देश में पहली बार लॉकडाउन लगाया गया था। इसके पीछे सरकार की मंशा कोरोना जैसी महामारी को नियंत्रित करना था। लॉकडाउन का वो मंजर दो वर्ष बाद भी भूलाया नहीं जा सका है। सूनसान सड़के....सड़कों व चौराहों पर सिर्फ पुलिसकर्मियों की मौजूदगी...कोरोना के कारण जान से हाथ धोने वाले लोगों के शव और ऐसे लोगों के घरों से रूदन की आवाज...!

खुद का ख्याल रखें

भले ही देश से कोरोना चला गया हो, लेकिन विश्व के कुछ देशों में कोरोना की चौथी लहर आ गई है। यह हमारे लिए भी चिंता की बात हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का यह कहना है कि लोगों को खुद का ख्याल रखने की जरूरत है। मास्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना लोगों को भूलना नहीं चाहिए।

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24 March 2022, 03:28 PM IST

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