भारत, ईयू के बीच कारोबारी समझौते से उल्लेखनीय और अछूती संभावनाएं सामने आएंगी : गोयल
भारत और यूरोपीय (ईयू) संघ के बीच व्यापार, निवेश और भौगोलिक संकेतकों (जीआई) पर प्रस्तावित समझौतों को लेकर वार्ता औपचारिक रूप से बहाल होने के बीच वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यहां कहा कि इन समझौतों को लागू करने से अब तक अछूती रही उल्लेखनीय क्षमता को सामने लाने में मदद मिलेगी जो दोनों क्षेत्रों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने में मददगार होगी।
भारत और यूरोपीय (ईयू) संघ के बीच व्यापार, निवेश और भौगोलिक संकेतकों (जीआई) पर प्रस्तावित समझौतों को लेकर वार्ता औपचारिक रूप से बहाल होने के बीच वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यहां कहा कि इन समझौतों को लागू करने से अब तक अछूती रही उल्लेखनीय क्षमता को सामने लाने में मदद मिलेगी जो दोनों क्षेत्रों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने में मददगार होगी।
भारत और ईयू ने आठ साल से भी अधिक समय के बाद प्रस्तावित समझौतों पर 17 जून से औपचारिक वार्ता बहाल की है। गोयल ने कहा कि भारत और ईयू के बीच निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता पुन: शुरू करने के लिए वह यहां आए हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इससे हमारे संबंध और भी मजबूत होंगे।
बीते कुछ महीनों में हमारा द्विपक्षीय व्यापार उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। अब तक अछूती रहीं संभावनाएं इन तीन समझौतों के क्रियान्वयन से सामने आएंगी। ये तीन समझौते व्यापार, निवेश और जीआई से संबंधित हैं।’’ भारत ने 27 देशों के आर्थिक संगठन यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौते ‘द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश समझौता (बीटीआईए)’ पर 2007 में वार्ता शुरू की थी लेकिन वाहनों पर सीमा शुल्क जैसे कई अहम मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच जब सहमति नहीं बन सकी तो 2013 में यह वार्ता ठप पड़ गई।
गोयल से भारतीय पक्ष की अहम मांगों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि भारत आधुनिक उत्पादों को लेकर दुनिया के साथ सरोकार रखना चाहता है और उसका ध्यान ऐसे क्षेत्रों पर है जहां वह नई प्रौद्योगिकी और निवेश के लिहाज से लाभ अर्जित करना चाहता है। यूरोपीय आयोग के कार्यकारी उपाध्यक्ष वलदिस डोम्ब्रोवस्किस ने कहा कि दोनों ही पक्ष महत्वाकांक्षी और व्यापक एफटीए चाहते हैं। उन्होंने बताया कि अगले दौर की वार्ता नई दिल्ली में होगी और यह 27 जून से एक जुलाई तक चलेगी। हमारा उद्देश्य 2023 के अंत तक वार्ता पूरी कर लेने का है।
भारत और यूरोपीय संघ पहले से ही प्रमुख कारोबारी साझेदार हैं और उनके बीच 120 अरब यूरो का सालाना व्यापार होता है। भारत के लिए ईयू तीसरा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है और 2021 में कुल भारतीय कारोबार में उसकी हिस्सेदारी लगभग 11 फीसदी थी। ईयू के लिए भारत 10वां अहम कारोबारी साझेदार है और 2021 में ईयू के कुल व्यापार में भारत की हिस्सेदारी दो फीसदी से कुछ अधिक थी।