सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को कहा कि देश की संवेदनशील सीमाओं और समान रूप से चुनौतीपूर्ण आंतरिक खतरों के मद्देनजर उच्च स्तर की संचालात्मक तैयारियों की जरूरत के बावजूद सशस्त्र बलों में परिवर्तनकारी सुधार जारी हैं।
डुंडीगल स्थित वायुसेना अकादमी में एक संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग रोबोटिक्स और हाइपरसोनिक जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां अब सिद्धांतों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि युद्ध के मैदानों में प्रत्यक्ष रूप से प्रकट हो रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मानव संसाधन प्रबंधन और अन्य क्षेत्रों जैसे कि ‘‘आत्मनिर्भरता’’ पर ध्यान देने के साथ क्षमता विकास के मामले में सशस्त्र बलों में परिवर्तनकारी सुधार किए जा रहे हैं।
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘भारत का सुरक्षा कैनवास विशाल, जटिल और बहुआयामी है। हमारी संवेदनशील सीमाएं और समान रूप से चुनौतीपूर्ण आंतरिक सुरक्षा खतरों के लिए बहुत उच्च स्तर की संचालनात्मक तैयारियां जरूरी हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना और उसका लाभ उठाना अब एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन गया है। First Updated : Saturday, 18 June 2022