मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने को है और इस चुनावी मौहाल में राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई हैं। इसी सियासी घमासान के बीच एक बार फिर से व्यापम का जिन्न भी निकलता दिख रहा है। जी हां, बता दें कि एमपी के पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay singh) के आठ साल पहले की गई एक शिकायत के आधार पर एसटीएफ ने एफआईआर दर्ज कर ली है। खास बात ये है कि इस एफआईआर में (Vyapam scam) में बीजेपी नेताओं की मिली भगत की बात कही गई है।
STF ने 8 लोगों के खिलाफ दर्ज किया है केस
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने साल 2014 में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए व्यापमं की तरफ से ली गई परीक्षाओं में धांधली की शिकायत एडीजी सुधीर साही को दी थी। मालूम हो कि इस शिकायत के आधार पर 6 दिसंबर को एसटीएफ ने एफआईआर दर्ज की है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस मामले में एसीटिएफ ने 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। वहीं एसटीएफ द्वारा दर्ज हुए इस FIR में इस बात का जिक्र किया गया है कि व्यापम के जरिए साल 2006 के बाद ली गई अधिकांश परिक्षाओं में व्यापम के अधिकारियों संग मिलकर मध्य प्रदेश शासन के कुछ मंत्री और बीजेपी नेताओं ने बड़े स्तर पर धांधली को अंजाम दिया है।
एफआईआर में मिलीभगत के आरोप से नाराज हुए बीजेपी नेता
ऐसे में शिकायत के 8 साल बाद दर्ज हुई इस एफआईआर को लेकर सूबे के बीजेपी नेता अपने मुखिया शिवराज सिंह चौहान से ही नाराज होते दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि राज्य के बीजेपी नेताओं ने इस बात की शिकायत दिल्ली के शीर्ष नेतृत्व से की है कि आखिर जिस शिकायत पर कांग्रेस के राज में कुछ नहीं हुआ, उसी को आधार बना कर बीजेपी के शाषन में कैसे रिपोर्ट दर्ज की गई है। कुल मिलाकर व्यापम के जिन्न ने इस एमपी के सत्तासीन दल के खेमे में खलबली मचा दी है। First Updated : Tuesday, 03 January 2023