शिवसेना के 15 बागी विधायकों के लिए वाई-प्लस सुरक्षा
महाराष्ट्र में राजनीतिक घमासान जारी है। सियासी उथल-पुथल और शिंदे गुट को लगातार शिवसेना की चेतावनी के बाद गृह मंत्रालय ने शिवसेना के 15 बागी विधायकों
महाराष्ट्र में राजनीतिक घमासान जारी है। सियासी उथल-पुथल और शिंदे गुट को लगातार शिवसेना की चेतावनी के बाद गृह मंत्रालय ने शिवसेना के 15 बागी विधायकों की सुरक्षा बढ़ाई है। केंद्र की ओर से शिवसेना के 15 बागी विधायकों को Y+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। ये फैसला तब लिया गया है जब शिवसेना नेता संजय राउत लगातार बागी विधायकों को मुंबई आने को लेकर चेतावनी दे रहे हैं। वहीं शिवसैनिक सड़क पर उतरकर बागी विधायकों के खिलाफ उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने रविवार को शिवसेना के 15 बागी विधायकों को सीआरपीएफ जवानों से लैस 'वाई प्लस' श्रेणी का सुरक्षा घेरा प्रदान किया। अधिकारियों ने जानकारी दी कि जिन विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है, उनमें रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवणे, प्रकाश सुर्वे और 10 अन्य विधायक शामिल हैं। महाराष्ट्र में रहने वाले इन विधायकों के परिवारों को भी सुरक्षा प्रदान की जाएगी, क्योंकि सुरक्षा घेरे के अंतर्गत गृह सुरक्षा दल भी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गृह मंत्रालय से की गई एक सिफारिश के बाद विधायकों को ‘वाई प्लस’ श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान करने की मंजूरी दी गई है।
सिफारिश में कहा गया था कि बागी विधायकों और उनके परिजनों को महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य के कारण संभावित खतरों का सामना करना पड़ सकता है। सुरक्षा प्रदान किए गए इन विधायकों के महाराष्ट्र लौटने के बाद प्रत्येक पाली में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ के लगभग चार से पांच कमांडो उनकी सुरक्षा करेंगे। Y+ सुरक्षा कवर के तहत पांच सुरक्षाकर्मी जिसमें एक सीआरपीएफ कमांडर और चार कांस्टेबल आवास पर तैनात होते हैं। छह व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारियों यानी कि पीएसओ को तीन शिफ्टों में रोटेशन के आधार पर सुरक्षा के साथ तैनात किया जाता है।
इसका मतलब है कि दो पीएसओ हर समय सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के साथ होते हैं। बता दें कि शिवसेना के कई विधायक एकनाथ शिंदे के की अगुवाई में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार इस समय सियासी संकट से गुजर रही है। महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने शनिवार को शिंदे सहित शिवसेना के 16 बागी विधायकों को समन जारी कर उन शिकायतों पर 27 जून की शाम तक लिखित जवाब दाखिल करने को कहा था, जिनमें इन विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने की मांग की गई थी। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उद्धव ठाकरे को बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया है।