योग हमारे ब्रह्मांड में शांति लाता है : नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष के ऐतिहासिक मैसूर पैलेस में आयोजित आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष के ऐतिहासिक मैसूर पैलेस में आयोजित आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि योग से सिर्फ किसी इंसान को ही शांति का अनुभव नहीं होता है, बल्कि योग ब्रह्मांड में शांति लेकर आता है।
पीएम मोदी ने प्राचीन भारत के ऋषि-मुनियों को उद्धृत करते हुए कहा, “योग हमारे लिए शांति लाता है। योग से शांति केवल लोगों को नहीं मिलती, बल्कि योग समाज, राष्ट्र और विश्व के साथ ही पूरे ब्रह्मांड में शांति लाता है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पूरे ब्रह्मांड की शुरुआत हमारे अपने शरीर और आत्मा से होती है। ब्रह्मांड की शुरुआत हमसे ही होती है। योग शरीर की हर चीज के प्रति जागरूक बनाता है और जागरूकता का एक भाव पैदा करता है।”
पीएम मोदी ने कहा कि मैसूर जैसे भारत के तमाम आध्यात्मिक केंद्रों ने योग-उर्जा को सदियों से पोषित किया है। आज यही योग उर्जा वैश्विक स्वास्थ्य को दिशा दे रही है। उन्होंने कहा, “आज योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है और मानव जाति को एक स्वस्थ जीवन का विश्वास दिला रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान हिंदी और अंग्रेजी में दिए गए संबोधन में देश तथा दुनिया को योग से जुड़ी जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया। प्रधानमंत्री ने कहा- “योग केवल व्यक्ति को शांति प्रदान नहीं करता बल्कि पूरे समाज को शांति प्रदान करता है। इससे देश को शांति मिलती है और सारे ब्रह्मांड को शांति मिलती है।” उन्होंने कहा कि योग हमें ब्रह्मांड से जोड़ता है और हमें आंतरिक रूप से जागरूक बनाता है।
प्रधानमंत्री ने योग दिवस को संपूर्ण मानवता के साथ जोड़ा। उन्होंने कहा कि इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का थीम ‘योगा फॉर ह्यूमेनिटी’ है। आज योग्य वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है। योग मानव मात्र को निरोग जीवन का विश्वास दे रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के लोगों के लिए योग आज केवल जीवन का एक हिस्सा नहीं बल्कि जीवन जीने का एक माध्यम बन रहा है। तनावपूर्ण माहौल में थोड़े समय के लिए किया गया ध्यान हमें न केवल तनाव मुक्त करता है बल्कि हमारी उत्पादकता को भी बढ़ाता है।
योग केवल एक अतिरिक्त काम नहीं बल्कि जीवन का अभिन्न अंग है। मोदी ने कहा- ‘हमें योग को जानना भी है। योग को जीना भी है। योग को पाना भी है और योग को अपनाना भी है।’ इस दौरान प्रधानमंत्री ने योग स्थली मैसूर को आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बताया। प्रधानमंत्री ने योग दिवस को मिलती वैश्विक स्वीकार्यता को भारत की ‘अमृत भावना’ से जोड़ा। उन्होंने कहा कि इस ‘अमृत भावना’ ने ही हमें स्वतंत्रता संग्राम के लिए ऊर्जा प्रदान की थी। योग दिवस पर अपनाए जा रहे नए प्रयोग का विशेष रुप से प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया। उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस बार ‘गार्डियन रिंग ऑफ योगा’ किया जा रहा है। इसके लिए दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्योदय के साथ, सूर्य की गति के साथ लोग योग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने मैसूर पैलेस ग्राउंड में आज योग दिवस पर सभी के साथ योग किया। इस दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी उनके साथ मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि हर वर्ष 21 जून को दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह दिन इस कारण भी महत्वपूर्ण है कि यह उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन होता है।