Nuh Violence: नूंह में बुलडोजर की कार्रवाई पर लगा ब्रेक, हाईकोर्ट का बड़ा एक्शन

Nuh Violence: हाइकोर्ट के फैसले के बाद उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने संबंधित अधिकारियों को बुलडोजर की कार्रवाई को रोकने का आदेश दिया. सांसद असदुद्दीन ओवैसी इस कार्रवाई को लेकर खट्टर सरकार पर हमला बोला था.

Tahir Kamran
Edited By: Tahir Kamran

हाइलाइट

  • हाईकोर्ट की आदेश के बाद कार्रवाई पर लगी रोक
  • उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को रोक लगाने का दिया आदेश
  • बुलडोजर कार्रवाई को लेकर हो रही थी सरकार की आलोचना

Nuh Violence: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के मद्देनजर की जा रही बुलडोजर की कार्रवाई को आज रोक दी गई. उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद संबंधित अधिकारियों को बुलडोजर कार्रवाई रोकने का आदेश दिया. हरियाणा के नूंह में धार्मिक यात्रा के दौरान सांप्रदायिक झड़पों में छह लोगों की मौत हो गई, संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है. नूंह और गुरुग्राम में दहशत फैलने के एक हफ्ते बाद अदालत ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है.

350 से अधिक झोपड़ियाँ और 50 मकानों को ध्वस्त किया जा चुका है

हिंसा के बाद हरियाणा सरकार के तरफ से की जा रही बुलडोजर कार्रवाई अभियान की काफी आलोचना हुई थी. राजनेताओं ने आरोप लगाया था कि मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है साथ ही जिनके घर तोड़े गए उनमें से कई लोगों ने दावा किया था कि उन्हें बिना कोई सूचना दिए कार्रवाई की गई. हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने कहा था कि वे अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं और किसी भी व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया जा रहा है.

श्री खडगटा ने कल कहा, "अवैध निर्माण के खिलाफ विध्वंस अभियान चल रहा है और यह जारी रहेगा. किसी को निशाना बनाने के लिए कार्रवाई नहीं की जा रही है. हमारा मकसद शांति स्थापित करना है."

ओवैसी ने खट्टर सरकार पर बोला था हमला 

बुलडोजर कार्रवाई को लेकर हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर निशाना साधने वालों में हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजिलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं. ओवैसी ने ट्वीट कर इस कार्रवाई को मुसलमानों के लिए "सामूहिक सजा" बताया है. उन्होंने आगे कहा, सरकार ने कानून न्यायालयों के अधिकारों को छीन लिया है, विश्वास उन लोगों को दिया जा रहा है जो वैचारिक रूप से भाजपा या संघ के करीब हैं.

सीपीआई प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने रोका 

सीपीआई के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को नूंह जिले में प्रवेश करने से रोकने के बाद नेताओं और पुलिस के बीच बहस कैमरे में कैद हो गई. सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा, "यह आज देश की दुर्दशा है. आज की सच्चाई, पुलिस हमें भी अनुमति नहीं दे रही है. इसका मतलब है कि इस नियम के तहत, आंदोलन की स्वतंत्रता भी प्रतिबंधित है. गुंडे और फासीवादी स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं.

सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित इलाकों में तनाव बरकरार है. इनमें से कई इलाकों में कर्फ्यू लगा हुआ है और किसी भी तरह की घटना को भड़कने से रोकने के लिए अर्धसैनिक बल तैनात हैं.

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07 August 2023, 02:50 PM IST

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