'5 हत्यारे, 3 जगहें, 10 मिनट तक भारी गोलीबारी' कैसे हुआ पहलगाम हमला?
सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि पहलगाम आतंकवादी हमले को पाकिस्तान ने समर्थन दिया था, क्योंकि उसने पहले भी भारत में कई आतंकवादी कृत्यों को समर्थन दिया है. निर्दोष लोगों की हत्या पर देशभर में आक्रोश के बीच सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है और अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को बंद कर दिया गया है.

पर्यटकों की भीड़, पांच से छह हत्यारे, तीन मुख्य स्थल और 10 मिनट तक भारी गोलीबारी. पहलगाम में हुए भीभत्स आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. बैसरन घास के मैदान में हुए क्रूर हमले की जांच में खौफनाक खुलासे हुए हैं. सूत्रों ने बताया कि कम से कम पांच हत्यारे हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों की टीम का हिस्सा थे. हत्यारे घास के मैदान के बगल में देवदार के जंगल से निकले और तीन स्थानों की ओर बढ़े जहां बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे. उनके पास राइफलें थीं और कुछ रिपोर्टों का दावा है कि उनके पास इस भयानक कृत्य को रिकॉर्ड करने के लिए बॉडीकैम भी थे.
पर्यटक उठा रहे थे वादियों का लुत्फ
पहली गोली दोपहर करीब 1.50 बजे चली. हमले के भयावह दृश्य दिखाते हैं कि पर्यटकों को बहुत देर तक हत्यारों के आने का पता नहीं चला. बच्चे ट्रैम्पोलिन पर कूद रहे थे और उनके माता-पिता भेलपुरी का आनंद ले रहे थे और प्राकृतिक सुंदरता को निहार रहे थे, तभी मौत की गोलियां चलने लगीं.
बचे हुए लोगों के अनुसार, आतंकवादी निर्दोष पर्यटकों के पास गए, उनका धर्म पूछा, इस्लामी आयत की परीक्षा ली और फिर उन्हें गोली मार दी. कई हत्याएं सिर पर गोली मारकर की गईं. सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि हत्या के बाद आतंकवादी उस जंगल की ओर भाग गए, जहां से वे आए थे. पुलिस को हमले के करीब 30 मिनट बाद दोपहर 2.30 बजे अलर्ट मिला.
बेहद मुश्किल है बेसरन तक पहुंचना
ध्यान देने वाली बात यह है कि पहलगाम से बैसरन घास के मैदान तक की सड़क पर कार से नहीं पहुंचा जा सकता. यह मार्ग एक मुश्किल इलाके से होकर गुजरता है, जिसमें नदियां, कीचड़ भरे इलाके और जंगल हैं और पैदल या टट्टू की सवारी में कम से कम एक घंटा लग सकता है. नतीजतन, दोपहर 3 बजे के बाद ही घास के मैदान तक मदद पहुंच सकी. बचे हुए लोगों में से कई ने कहा है कि हमले के बाद गोली लगने वाले लोग कुछ समय तक जीवित रहे और आपातकालीन प्रतिक्रिया से उन्हें बचाया जा सकता था.
पीएम ने बीच में छोड़ा सऊदी दौरा
घाटी में हुए सबसे क्रूर आतंकी हमले में पच्चीस पर्यटक और एक कश्मीरी टट्टू सवारी संचालक मारे गए. यह हमला अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा के दौरान हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर थे, उन्होंने अपनी यात्रा बीच में ही रोक दी और स्थिति से निपटने के लिए वापस लौट आए. हमले की खबर आने के बाद एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा, "इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा...उन्हें बख्शा नहीं जाएगा".
सरकार ने उठाए सख्त कदम
सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि पहलगाम आतंकवादी हमले को पाकिस्तान ने समर्थन दिया था, क्योंकि उसने पहले भी भारत में कई आतंकवादी कृत्यों को समर्थन दिया है. निर्दोष लोगों की हत्या पर देशभर में आक्रोश के बीच सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है और अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को बंद कर दिया गया है. नई दिल्ली ने यह भी कहा है कि पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी और पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाएगा. 1 मई तक उच्चायोगों की कुल संख्या भी 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी.


