'संविधान पर हमला', वक्फ विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी कांग्रेस, विपक्ष बोला- यह लोकतंत्र के लिए काला दिन
संसद में शुक्रवार को वक्फ संशोधन बिल के पास होने के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला. विपक्षी दलों ने इस विधेयक को संविधान विरोधी बताते हुए इसे 'लोकतंत्र के लिए काला दिन' करार दिया. विपक्ष ने सरकार पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करने और विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया. राज्यसभा में इस विधेयक के पक्ष में 128 वोट पड़े, जबकि विपक्ष द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को खारिज कर दिया गया.

कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्टम में चुनौती देगी. शुक्रवार की सुबह राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद, इस विधेयक ने अपनी अंतिम विधायी बाधा पार कर ली है, जिसके कुछ ही घंटों बाद कांग्रेस पार्टी ने सर्वोच्च अदालत का रुख किया. पार्टी नेताओं ने विधेयक पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे 'संविधान पर हमला' करार दिया.
लोकतंत्र के लिए काला दिन
संसद में शुक्रवार को वक्फ संशोधन बिल के पास होने के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला. विपक्षी दलों ने इस विधेयक को संविधान विरोधी बताते हुए इसे 'लोकतंत्र के लिए काला दिन' करार दिया. विपक्ष ने सरकार पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करने और विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया. इस बीच, सरकार का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार के लिए लाया गया है.
राज्यसभा में इस विधेयक के पक्ष में 128 वोट पड़े, जबकि विपक्ष द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को खारिज कर दिया गया. लोकसभा में इसे 288 वोटों के समर्थन और 232 विरोधी मतों के साथ पारित किया गया. विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसे अदालत में चुनौती देने की चेतावनी दी.
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ है और यदि इसे न्यायपालिका में चुनौती दी जाती है, तो इसे असंवैधानिक घोषित किया जा सकता है. वहीं, टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने इसे "संविधान विरोधी" करार दिया और कहा कि यह धार्मिक स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा.
सरकार का बचाव
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर भ्रामक प्रचार का आरोप लगाते हुए कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के करोड़ों लोगों के हित में है. उन्होंने कहा कि इसमें संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की सिफारिशों को शामिल किया गया है और इससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी.
विधेयक का उद्देश्य
सरकार के अनुसार, इस विधेयक का उद्देश्य 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन कर उसकी खामियों को दूर करना, वक्फ बोर्डों की कार्यकुशलता बढ़ाना और पंजीकरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है. इसमें प्रौद्योगिकी के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने का भी प्रावधान किया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने वक्फ विधेयक को संसद की मंजूरी की सराहना की
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित होने की सराहना की और इसे भारत के सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की दिशा में एक 'महत्वपूर्ण क्षण' बताया. उन्होंने कहा कि इस कानून का उद्देश्य उन समुदायों को सशक्त बनाना है जो ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रहे हैं, उन्हें एक मजबूत आवाज और बेहतर अवसर प्रदान करना है.
दिल्ली में इन इलाकों में बढ़ाई गई सुरक्षा
इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि विवादित वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर कानून-व्यवस्था में किसी भी तरह की बाधा को रोकने के लिए जामिया नगर और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे शैक्षणिक संस्थानों सहित दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए हैं. अर्धसैनिक बलों के सहयोग से दिल्ली पुलिस ने असामाजिक तत्वों द्वारा किसी भी संभावित अशांति को विफल करने के लिए कई संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है.