'सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने की कोशिश', भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी पर कांग्रेस का पलटवार
जयराम रमेश ने दावा किया, "सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाने के लिए जानबूझकर अलग-अलग आवाज़ें उठाई जा रही हैं. चुनावी बॉन्ड, हालिया वक्फ मामला और चुनाव आयोग से संबंधित लंबित मामले जैसे कई मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार की कार्रवाई असंवैधानिक थी."

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पार्टी सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी के बाद जानबूझकर सर्वोच्च अदालत को निशाना बनाने का आरोप लगाया. रमेश ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी सर्वोच्च न्यायालय को “कमजोर” करने की कोशिश कर रही है क्योंकि उसने चुनावी बांड जैसे प्रमुख मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह ठहराया है. रमेश ने कहा कि वे सर्वोच्च अदालत को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा संविधान द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दी गई शक्तियों को कम करने और उन्हें कमजोर करने में लगी हुई है."
जानबूझकर अलग-अलग आवाज़ें उठाई जा रही
कांग्रेस नेता ने कहा, "संवैधानिक पदाधिकारी, मंत्री, भाजपा सांसद सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ सिर्फ इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि वह कह रहा है कि कानूनों को संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करना चाहिए." उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष हो तथा संविधान द्वारा उसे दी गई शक्तियों का पूरा सम्मान किया जाए.
जयराम रमेश ने दावा किया, "सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाने के लिए जानबूझकर अलग-अलग आवाज़ें उठाई जा रही हैं. चुनावी बॉन्ड, हालिया वक्फ मामला और चुनाव आयोग से संबंधित लंबित मामले जैसे कई मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार की कार्रवाई असंवैधानिक थी."
निशिकांत दुबे ने लगाया आरोप
इससे पहले निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करते हुए उस पर देश में ‘धार्मिक युद्ध’ भड़काने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 368 के तहत केवल संसद को कानून बनाने का अधिकार है, जबकि सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका उनकी व्याख्या तक सीमित है.
दुबे ने कहा कि अनुच्छेद 368 में कहा गया है कि इस देश में कानून बनाने का अधिकार केवल संसद को है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर फैसला करना चाहिए कि क्या करना है और राज्यपाल को तीन महीने के भीतर फैसला करना चाहिए." दुबे ने यह भी कहा कि भारत भगवान राम, कृष्ण, सीता, राधा, 12 ज्योतिर्लिंगों और 51 शक्तिपीठों की परंपराओं में गहराई से निहित है, जिसमें हजारों साल पुरानी सनातन परंपरा है.
झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद ने दावा किया, "जब राम मंदिर का मुद्दा उठता है, तो आप (सुप्रीम कोर्ट) कहते हैं 'दस्तावेज दिखाओ'; जब मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा आता है, तो आप कहेंगे 'दस्तावेज दिखाओ'; जब ज्ञानवापी मस्जिद की बात आती है, तो आप फिर कहेंगे 'दस्तावेज दिखाओ'. लेकिन जब मुगलों के आने के बाद बनी मस्जिदों की बात आती है, तो आप कहते हैं कि दिखाने के लिए कोई दस्तावेज नहीं हैं."


