'निराधार और विश्वसनीयता से रहित', मालदीव विवाद पर भारत का कड़ा रुख, वाशिंगटन पोस्ट पर लगाए पक्षपाती रिपोर्टिंग के आरोप
India-Maldives Relations: भारत ने वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट का खंडन किया, जिसमें दावा किया गया था कि नई दिल्ली ने मालदीव के राष्ट्रपति मुइज़ू के खिलाफ महाभियोग साजिश में मदद के लिए 6 मिलियन डॉलर प्रदान किए थे. भारत ने इस आरोप को "निराधार" और "विश्वसनीयता से रहित" करार देते हुए वाशिंगटन पोस्ट पर भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण और पक्षपाती रवैया अपनाने का आरोप लगाया.
India-Maldives Relations: भारत ने वाशिंगटन पोस्ट की उस रिपोर्ट का सख्त खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया था कि नई दिल्ली ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जुल के खिलाफ महाभियोग साजिश में शामिल होने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की थी. भारत ने इन आरोपों को "निराधार" और "विश्वसनीयता से रहित" बताते हुए इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय ने वाशिंगटन पोस्ट पर आरोप लगाया कि वह भारत के खिलाफ एक शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाता है और उसकी रिपोर्टिंग में पक्षपाती दृष्टिकोण दिखाता है.
वाशिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह कहा गया था कि मालदीव में विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति मुइज़ू को महाभियोग के आरोपों से बचाने के लिए नई दिल्ली से 6 मिलियन डॉलर की राशि की मांग की थी. विदेश मंत्रालय ने इस दावे को नकारते हुए कहा कि वाशिंगटन पोस्ट और उसके पत्रकारों का भारत के प्रति रवैया पूर्वाग्रहपूर्ण है.
#WATCH | Delhi: On articles published by Washington Post on Maldives and Pakistan, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, " Both the newspaper and reporter in question, appear to nurse a compulsive hostility towards India. You can see a pattern in their activities. I leave you to… pic.twitter.com/PwfiqtpYfK
— ANI (@ANI) January 3, 2025
भारत ने वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को किया खारिज
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस वार्ता में कहा, "आपने जिन लेखों का उल्लेख किया है, वे वाशिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित किए गए थे, एक मालदीव पर और दूसरा पाकिस्तान के संबंध में. इसलिए, मैं कहूंगा कि संबंधित समाचार पत्र और रिपोर्टर दोनों ही भारत के प्रति बाध्यकारी शत्रुता रखते हैं. आप उनकी गतिविधियों में एक पैटर्न देख सकते हैं. मैं उनकी विश्वसनीयता का फैसला आप पर छोड़ता हूं. जहां तक हमारा सवाल है, उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है."
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पर उठे सवाल
विवाद की शुरुआत वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट से हुई, जिसमें दावा किया गया था कि मालदीव के विपक्षी नेताओं ने महाभियोग की योजना के तहत मुइज़ू की पार्टी के सांसदों को रिश्वत देने की कोशिश की थी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत की खुफिया एजेंसी R&AW के एक वरिष्ठ अधिकारी ने राष्ट्रपति मुइज़ू के पदभार ग्रहण के बाद उन्हें हटाने की योजना का खुलासा किया. यह रिपोर्ट "डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव" नामक एक आंतरिक दस्तावेज़ पर आधारित थी.
पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने खंडन किया आरोप
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद, जो विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के प्रमुख हैं, ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रपति मुइज़ू के खिलाफ किसी भी गंभीर साजिश के बारे में जानकारी नहीं है. नशीद ने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा मालदीव में लोकतंत्र का समर्थन किया है और वह कभी भी इस तरह की साजिशों में शामिल नहीं हो सकता.