'शहीद-ए-आजम भगत सिंह को दिया जाए भारत रत्न', आप सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में उठाई मांग
Raghav Chadha News: AAP सांसद राघव चड्ढा ने संसद में कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के नायक और क्रांति के प्रतीक भगत सिंह को उनके बलिदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने भगत सिंह के साहस और बलिदान की तारीफ की.
Raghav Chadha News: राज्यसभा में स्वतंत्रता संग्राम के नायक और क्रांति के प्रतीक शहीद-ए-आजम भगत सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग उठाई गई है. इस मांग को आम आदमी पार्टी के युवा सांसद राघव चड्ढा ने बुधवार को संसद में रखा. उन्होंने भगत सिंह के बलिदान और योगदान को याद करते हुए सरकार से अपील की कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए.
भगत सिंह की शहादत आज भी प्रेरणादायक - राघव चड्ढा
राघव चड्ढा ने कहा कि भगत सिंह ने अपनी जवानी, अपने सपने और अपना पूरा जीवन इस देश की आजादी के लिए समर्पित कर दिया. उनकी शहादत को 93 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी हम उन्हें वह सम्मान नहीं दे पाए हैं, जिसके वे हकदार हैं.
उन्होंने आगे कहा कि भगत सिंह केवल 23 वर्ष की उम्र में देश के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए थे. उनका साहस और बलिदान आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उनके हौसले के आगे ब्रिटिश साम्राज्य ने भी घुटने टेक दिए थे.
सांसद ने भगत सिंह को याद करते हुए कहा कि शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जी को मैं अपना आदर्श मानता हूं. उनकी क्रांतिकारी सोच और निडरता ने अंग्रेजी हुकूमत को झकझोर कर रख दिया था. उनके विचार आज भी हमें देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा देते हैं.
भारत रत्न की गरिमा बढ़ेगी- राघव चड्ढा
राघव चड्ढा ने जोर देकर कहा कि भगत सिंह को भारत रत्न दिया जाना न केवल उनके सम्मान का प्रतीक होगा, बल्कि इस सर्वोच्च पुरस्कार की गरिमा भी बढ़ाएगा. उन्होंने इसे उनके बलिदान को मान्यता देने का सशक्त कदम बताया.
उन्होंने ये भी कहा कि ये सिर्फ एक सम्मान नहीं होगा, बल्कि यह उस बलिदान को उचित पहचान देगा, जिसने हमें आज़ाद भारत का सपना दिखाया.
राघव चड्ढा ने आगे कहा कि भगत सिंह सिर्फ स्वतंत्रता सेनानी नहीं, बल्कि भारत के युवाओं के लिए एक आदर्श हैं. उनके विचार हमें सिखाते हैं कि देश के लिए निस्वार्थ भाव से काम कैसे किया जाए.
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस फैसले में देर न की जाए. राघव चड्ढा ने कहा कि अगर यह सम्मान दिया जाता है, तो आने वाली पीढ़ियां इस महान कदम के लिए इस सदन को दुआएं देंगी.