'बोडो समझौते से शांति और विकास आया', अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा निशाना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU) के 57वें वार्षिक सम्मेलन के अंतिम दिन डोटमा में एक जनसभा को संबोधित किया. कार्यक्रम में शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि समझौते पर हस्ताक्षर होने के समय पार्टी ने सरकार का मजाक उड़ाया था, लेकिन बोडोलैंड में शांति और विकास लाने से यह गलत साबित हो गया है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने बोडो समझौते का मजाक उड़ाया था, लेकिन इस समझौते के परिणामस्वरूप शांति और विकास आया. शाह का यह बयान असम के बोडो क्षेत्र में शांति स्थापना और विकास के प्रयासों को लेकर था. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने इस समझौते के खिलाफ आवाज उठाई थी, लेकिन आज उस समझौते के कारण बोडो क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं.
अमित शाह ने बोडो समझौते को एक ऐतिहासिक कदम करार दिया, जिसने असम और विशेष रूप से बोडो समुदाय के लिए शांति की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने कहा कि यह समझौता 2019 में हुआ था और इसके तहत बोडो समुदाय के लिए विकास के कई नए अवसर खुले. इस समझौते ने असम में आतंकवाद और असहमति की स्थिति को कम करने में मदद की है, और अब इस क्षेत्र में लोग शांति से रह रहे हैं.
विकास और समृद्धि के अवसर
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि बोडो समझौते के बाद बोडो क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हुआ है. उन्होंने यह उल्लेख किया कि बोडो समुदाय को अलग से एक परिषद की स्थापना का भी लाभ मिला है, जिससे उनकी संस्कृति और भाषा को बढ़ावा मिला है. अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि इस समझौते से न केवल शांति आई, बल्कि यह विकास के नए मार्ग भी खोले.
कांग्रेस का विरोध क्यों?
अमित शाह ने कांग्रेस को ताने मारते हुए कहा कि पार्टी ने बोडो समझौते का विरोध किया था, लेकिन अब कांग्रेस को यह समझने की आवश्यकता है कि यह समझौता असम और बोडो समुदाय के लिए कितने लाभकारी साबित हुआ. उन्होंने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह राजनीतिक लाभ के बजाय देश और समाज की भलाई के बारे में सोचें.