'आए दिन मस्जिदों पर दावे', अजमेर मामले में बोले ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज
Khwaja Moinuddin Chishti said in Ajmer case: अजमेर दरगाह पर हिंदू पक्ष के द्वारा किए जा रहे दावे के बाद ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष और ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि देखने में आ रहा है कि आए दिन देश में कभी किसी मस्जिद पर मंदिर का दावा किया जा रहा है, तो कभी किसी दरगाह पर मंदिर होने का दावा किया जा रहा है, यह हमारे देश के हित में नहीं है.
Khwaja Moinuddin Chishti said in Ajmer case: राजस्थान के अजमेर में स्थित प्रसिद्ध दरगाह को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि वहां पर शिव मंदिर है. इस आरोप के बाद हिंदू पक्ष ने इस मामले को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है, और कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस भी भेजा है. इस मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी. इस पर अब मुस्लिम समुदाय की ओर से प्रतिक्रिया आ रही है.
मुस्लिम पक्ष की प्रतिक्रिया
ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष और ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज, सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और इस तरह के विवादों को रोकने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए.
कानूनी तरीके से अपना पक्ष रखने की बात
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि कोर्ट ने इस मामले में नोटिस भेजे हैं, और इनमें दरगाह कमेटी, एएसआई (ASI), और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल हैं. उन्होंने बताया कि यह मामला उनकी बुजुर्गों की दरगाह से जुड़ा है और वे इस पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वे वकीलों से बातचीत कर रहे हैं और कानूनी तरीके से अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे.
मंदिर-मस्जिद विवाद पर चिंता
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि देश में आए दिन किसी न किसी मस्जिद या दरगाह पर मंदिर का दावा किया जा रहा है, जो समाज के लिए ठीक नहीं है. उनका कहना था कि भारत एक वैश्विक शक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है, और ऐसे विवादों में उलझ कर हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए केवल मंदिर और मस्जिद के विवाद छोड़ रहे हैं. यह देश के हित में नहीं है.
आस्था को ठेस पहुंचाना गलत
आगे उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के विवादों से लाखों-करोड़ों लोगों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचती है. अजमेर की दरगाह का संबंध सिर्फ मुसलमानों से ही नहीं, बल्कि हिंदू, सिख, ईसाई और अन्य धर्मों से जुड़े लोगों से भी है. यह सबकी आस्था का केंद्र है, और इस पर किसी भी तरह का विवाद उठाना गलत है.
कानून बनाने की अपील
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने भारत सरकार से अपील की कि इस तरह के धार्मिक स्थलों पर विवादों को रोकने के लिए कोई कानून या गाइडलाइन बनाई जाए. ताकि कोई भी धार्मिक स्थल विवादों के दायरे में न आए और इससे समाज में एकता बनी रहे.
मोहन भागवत का हवाला
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत का भी जिक्र किया, जिन्होंने 2022 में कहा था कि "कब तक हम हर मस्जिद में शिवालय ढूंढते रहेंगे?" उनका कहना था कि इस तरह के विवादों से देश को कोई लाभ नहीं है और यह समाज को बांटने का काम करते हैं. इस मामले पर अब देखना होगा कि सरकार और अदालत किस दिशा में कदम उठाती है.