'चुनाव आयोग का लहजा पक्षपाती', हरियाणा इलेक्शन की शिकायत पर EC के जवाब पर कांग्रेस का रिएक्शन
Election Commission: कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनावों से जुड़ी अपनी शिकायतों पर चुनाव आयोग के जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, अशोक गहलोत, भूपेंद्र हुड्डा, अजय माकन, अभिषेक सिंघवी, उदय भान, प्रताप बाजवा और पवन खेड़ा ने एक पत्र में चुनाव आयोग के जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
Election Commission: कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा चुनावों से जुड़ी अपनी शिकायतों पर चुनाव आयोग के जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. पार्टी ने कहा कि उसे इस बात से कोई आश्चर्य नहीं है कि चुनाव आयोग ने उसकी शिकायतों की जांच की और खुद को क्लीन चिट दे दी. कांग्रेस ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग का जवाब 'कृपालु' था.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चुनाव आयोग ने इस हफ्ते की शुरुआत में हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया। आयोग ने इन आरोपों को 'निराधार, गलत और तथ्यहीन' बताया। साथ ही, चुनाव आयोग ने कांग्रेस को चेतावनी दी कि वह चुनाव दर चुनाव 'निराधार आरोप' लगाने से बचे.
कांग्रेस का चुनाव आयोग को पत्र
कांग्रेस नेता जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, अशोक गहलोत, भूपेंद्र हुड्डा, अजय माकन, अभिषेक सिंघवी, उदय भान, प्रताप बाजवा और पवन खेड़ा ने एक पत्र में चुनाव आयोग के जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पत्र में कहा गया है, 'हमने आपकी शिकायतों पर आपके उत्तर का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है. यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि चुनाव आयोग ने खुद को क्लीन चिट दे दी है. आमतौर पर हम इसे ऐसे ही छोड़ देते, लेकिन आयोग के जवाब का लहजा, उपयोग की गई भाषा और कांग्रेस के खिलाफ लगाए गए आरोप हमें जवाब देने के लिए मजबूर करते हैं.'
पत्र में आगे कहा गया, "हमें नहीं पता कि माननीय आयोग को कौन सलाह दे रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि आयोग यह भूल गया है कि यह संविधान के तहत गठित एक निकाय है. इसे प्रशासनिक और अर्ध-न्यायिक कार्य करने का दायित्व सौंपा गया है.'
'चुनाव आयोग का लहजा पक्षपाती'
कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को भेजे गए अपने जवाब में आरोप लगाया है कि आयोग का उत्तर अपमानजनक लहजे में लिखा गया है. पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि आयोग इसी तरह की भाषा का उपयोग करता रहा, तो उसे कानूनी उपाय अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. कांग्रेस ने बताया कि उसके पत्र केवल मुद्दों पर केंद्रित हैं और ये पत्र भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य आयुक्तों के उच्च पद को ध्यान में रखकर लिखे गए हैं.
अपमानजनक लहजे की आलोचना
कांग्रेस ने पत्र में कहा, 'चुनाव आयोग का जवाब अपमानजनक लहजे में लिखा गया है. यदि आयोग का लक्ष्य तटस्थता को समाप्त करना है, तो वह इस दिशा में सफल हो रहा है.' पत्र में यह भी कहा गया है कि फैसला लिखने वाले न्यायाधीश सामान्यतः मुद्दे उठाने वाले पक्ष पर हमलावर नहीं होते.' पार्टी ने आगे जोड़ा कि यदि चुनाव आयोग अपनी स्थिति पर अड़ा रहता है, तो उनके पास कानूनी उपाय अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा, जैसा कि उसने कोविड के बाद उच्च न्यायालय की टिप्पणियों के संदर्भ में किया था.