'शांति के हर प्रयास का जवाब विश्वासघात से मिला', जब पीएम मोदी से पाकिस्तान को लेकर पूछा गया सवाल, मिला ये जवाब
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान के लोग भी अपने लोगों के लिए तरस रहे हैं क्योंकि वे संघर्ष और अशांति में रहने से थक गए होंगे. उन्होंने कहा कि वे निरंतर आतंक से थक चुके होंगे, जहां निर्दोष बच्चों को भी मार दिया जाता है और अनगिनत लोगों की जान चली जाती है. किस तरह की विचारधारा रक्तपात और आतंक के निर्यात पर पनपती है? भारत ने बार-बार पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद रोकने को कहा है और कहा है कि बातचीत केवल हिंसा, आतंकवाद और जबरदस्ती से मुक्त माहौल में ही आगे बढ़ सकती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि शांति को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली के प्रयासों को दुश्मनी और विश्वासघात के साथ सामना करना पड़ा. रविवार को जारी अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ रहा है.
पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंधों और क्या वह मित्रता और शांति का कोई रास्ता देखते हैं? इस पर पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा नहीं देने का फैसला किया. बार-बार पाकिस्तान ने भारत के साथ मतभेद रखने का फैसला किया. उन्होंने हमारे खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ दिया है. इसे विचारधारा समझने की भूल न करें.
हमेशा विश्वासघात किया
पीएम मोदी ने कहा कि जब मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में अपने पाकिस्तानी समकक्ष को आमंत्रित किया, तो यह सद्भावना का संकेत था. यह दशकों में किसी भी तरह का अनूठा कूटनीतिक संकेत था. वही लोग जो कभी विदेश नीति के प्रति मेरे दृष्टिकोण पर सवाल उठाते थे, वे तब हैरान रह गए जब उन्हें पता चला कि मैंने सभी सार्क राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया है. फिर भी, शांति को बढ़ावा देने के हर नेक प्रयास का सामना शत्रुता और विश्वासघात से हुआ.
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान के लोग भी अपने लोगों के लिए तरस रहे हैं क्योंकि वे संघर्ष और अशांति में रहने से थक गए होंगे. उन्होंने कहा कि वे निरंतर आतंक से थक चुके होंगे, जहां निर्दोष बच्चों को भी मार दिया जाता है और अनगिनत लोगों की जान चली जाती है. किस तरह की विचारधारा रक्तपात और आतंक के निर्यात पर पनपती है?
ओसामा बिन लादेन कहां से आया?
भारत ने बार-बार पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद रोकने को कहा है और कहा है कि बातचीत केवल हिंसा, आतंकवाद और जबरदस्ती से मुक्त माहौल में ही आगे बढ़ सकती है. प्रधानमंत्री मोदी ने 9/11 हमलों के मास्टरमाइंड अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन का उदाहरण दिया, जब उसे पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी नौसेना के सील्स ने उसके परिसर में पाया और गोली मार दी थी. उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए 11 सितंबर के हमलों को ही लें. इसके पीछे मुख्य साजिशकर्ता ओसामा बिन लादेन था. वह आखिरकार कहां से आया? उसने पाकिस्तान में शरण ली थी. दुनिया ने माना है कि आतंकवाद और आतंकवादी मानसिकता एक तरह से पाकिस्तान में गहराई से जड़ें जमाए हुए है.
विश्व के लिए अशांति का केंद्र बना पाकिस्तान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान आज न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व के लिए अशांति का केन्द्र बन गया है. उन्होंने कहा कि हम इस खतरे के अकेले पीड़ित नहीं हैं. दुनिया में जहां भी आतंकवादी हमला होता है, उसका सुराग किसी न किसी तरह पाकिस्तान की ओर जाता है. हमने उनसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद का रास्ता हमेशा के लिए छोड़ने का आग्रह किया है. हमें पूरी उम्मीद है कि उन्हें सद्बुद्धि आएगी और वे शांति का रास्ता चुनेंगे.
2015 की पाकिस्तान यात्रा की भी किया जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में नवाज शरीफ के 66वें जन्मदिन पर उनसे मिलने के लिए लाहौर की अपनी आश्चर्यजनक यात्रा को याद करते हुए कहा कि वे शांति की तलाश में वहां गए थे, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को वांछित परिणाम नहीं मिला. उन्होंने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की विदेश नीति कितनी स्पष्ट और आत्मविश्वासपूर्ण हो गई है. इससे दुनिया को शांति और सद्भाव के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का स्पष्ट संदेश गया. लेकिन हमें वांछित परिणाम नहीं मिले.