'अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाएं', हिंदू नेता की हत्या पर भारत ने बांग्लादेश को दिखाया आईना
बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष और इलाके में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय को पहले ही अगवा कर लिया गया और पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी गई. पुलिस और परिवार के सदस्यों के हवाले से बताया कि उनका शव गुरुवार रात को बरामद किया गया.

भारत ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और जघन्य हत्या पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हाल की घटना मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली वर्तमान बांग्लादेश सरकार के तहत 'हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे उत्पीड़न का एक और नया मामला'. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयवाल ने जोर देकर कहा कि इस तरह की पिछली घटनाओं के अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने घटना की निंदा की और अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभाने की याद दिलाई.
विदेश मंत्रालय ने दिलाई जिम्मेदारी की याद
एक्स पर एक पोस्ट में जायसवाल ने कहा कि हमने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और जघन्य हत्या को व्यथित रूप से देखा है. यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के पैटर्न का अनुसरण करती है, जबकि पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी दंड से बचकर घूम रहे हैं." पोस्ट में विदेश मंत्रालय ने आगे लिखा गया है कि हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना कोई बहाना बनाए हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी निभाए.
बांग्लादेश में हिंदू नेता की हत्या
बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष और इलाके में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय को पहले ही अगवा कर लिया गया और पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी गई. पुलिस और परिवार के सदस्यों के हवाले से बताया कि उनका शव गुरुवार रात को बरामद किया गया. भाबेश चंद्र रॉय की पत्नी शांतना ने कहा कि उनका शाम 4:30 बजे के आसपास एक फोन आया. उन्होंने दावा किया कि अपराधियों ने उनके घर पर मौजूद होने की पुष्टि करने के लिए फोन किया था.
भारत-बांग्लादेश संबंधों में तीव्र गिरावट
उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में भारी गिरावट आई है. पिछले साल अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण हसीना ढाका छोड़कर भाग गई थीं. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार उस देश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हमलों को रोकने में विफल रही, जिससे संबंध और खराब हो गए.


