'खुश हूं...', राघव चड्ढा के बैंकों पर उठाए सवालों पर निर्मला सीतारमण ने दिया जवाब

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में राघव चड्ढा की बैंकों की स्थिति पर उठाई गई चिंता पर मजाकिया अंदाज में जवाब दिया. राघव चड्ढा ने भारतीय बैंकिंग सिस्टम की समस्याओं, बढ़ती धोखाधड़ी और कर्ज की दरों पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दरों में वृद्धि और डिजिटल बैंकिंग में धोखाधड़ी से सुरक्षा उपायों की सिफारिश की.

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को संसद में बैंकों की स्थिति का मुद्दा उठाने पर मजाकिया अंदाज में जवाब दिया. इस दौरान निर्मला सीतारमण ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि राघव चड्ढा का पश्चिमी दुनिया से जुड़ा अनुभव देशवासियों के लिए फायदेमंद हो सकता है.

राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे थोड़ा मजा आया, अगर राघव चड्ढा जी बुरा ना मानें तो, उन्होंने बैंकों में पंखों की संख्या, बैंकों की स्थिति और यहां तक कि कौन से दीवारों पर पेंट हुआ है, इसे भी ध्यान से देखा. ये देखकर मुझे बहुत संतोष हुआ कि संसद सदस्य जो अंतरराष्ट्रीय मामलों में व्यस्त रहते हैं, उन्होंने समय निकालकर ग्रामीण बैंकों का दौरा किया. राघव चड्ढा, कृपया इस तरह के और भी काम करें, इससे देशवासियों को मदद मिलेगी.

राघव चड्ढा का बैंकिंग सिस्टम पर चिंता व्यक्त करना

इससे पहले, राघव चड्ढा ने भारतीय बैंकिंग सिस्टम के संकटों पर गहरी चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने 2024 के बैंकिंग लॉज (अमेंडमेंट) बिल पर चर्चा करते हुए केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल उठाए. उनका कहना था कि ये बिल केवल प्रक्रियात्मक सुधारों पर केंद्रित है और ये नागरिकों को वास्तविक समस्याओं से नहीं उबारता है.

बैंकों में बढ़ती धोखाधड़ी और कर्ज की समस्याएं

राघव चड्ढा ने ये भी बताया कि देश में होम लोन दरें 8.5 प्रतिशत से 9 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं, जबकि शिक्षा लोन की दरें 8.5 प्रतिशत से 13 प्रतिशत तक पहुंच गई हैं. इसके कारण, युवा व्यक्तियों के लिए घर खरीदना असंभव हो गया है और शिक्षा बहुत महंगी हो रही है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि शिक्षा और गृह लोन की ब्याज दरों की अधिकतम सीमा तय की जाए और पहले बार घर खरीदने वालों को सस्ते ब्याज दरों पर ऋण मिलें. इसके अलावा, उन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से छोटे और डिजिटल बैंकों को बढ़ावा देने की भी सलाह दी, ताकि ब्याज दरों को कम किया जा सके.

वरिष्ठ नागरिकों की चिंता और न्यूनतम ब्याज दरें

राघव चड्ढा ने वरिष्ठ नागरिकों के बारे में भी चिंता व्यक्त की, जिनकी बचत पर मिलने वाली ब्याज दरें घट रही हैं. उन्होंने बताया कि एफडी की दर 6.5 प्रतिशत है, जबकि महंगाई दर 7 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जिससे बचत की वास्तविक कीमत घट रही है. उन्होंने ये सुझाव दिया कि सेवानिवृत्त व्यक्तियों और छोटे जमाकर्ताओं को कम से कम 8 प्रतिशत ब्याज दर मिलनी चाहिए, ताकि उनकी बचत महंगाई से सुरक्षित रह सके.

डिजिटल बैंकिंग के खतरों पर चेतावनी

उन्होंने कहा कि राघव चड्ढा ने डिजिटल बैंकिंग में बढ़ते धोखाधड़ी के मामलों की भी चेतावनी दी. उन्होंने बताया कि FY 2024 में 36,075 बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले रिपोर्ट हुए हैं, जिनमें डिजिटल भुगतान और ऋण धोखाधड़ी प्रमुख हैं. साइबर धोखाधड़ी से 2,054.6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

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27 March 2025, 01:02 PM IST

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