'कोई नक्सली मारा जाता है, तो हमें खुशी नहीं होती', बस्तर में बोले शाह- हथियार डालकर, मुख्यधारा में हो जाओ शामिल

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बताया कि 2025 में अब तक कुल 521 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और 2024 में 881 नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे. उन्होंने कहा कि जिन नक्सलियों को यह समझ आ गया है कि विकास के लिए हथियारों, आईईडी और ग्रेनेड की नहीं, बल्कि कंप्यूटर और कलम की जरूरत है उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है. 

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को नक्सलियों से हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की जोरदार अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में मार्च 2026 तक लाल आतंक को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है. दंतेवाड़ा में राज्य सरकार के बस्तर पंडुम महोत्सव के समापन समारोह में बोलते हुए शाह ने कहा कि आप हथियार उठाकर अपने आदिवासी भाइयों और बहनों के विकास को नहीं रोक सकते."

अष्टमी और रामनवमी के अवसर पर एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि आज मैं देवी दंतेश्वरी से आशीर्वाद मांगता हूं और शपथ लेता हूं, अगले चैत्र नवरात्रि तक बस्तर की धरती से लाल आतंक की छाया मिट जाएगी. यह मेरा वचन है, जो दंतेवाड़ा की पवित्र धरती से घोषित किया गया है.

हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर में हिंसा और खून-खराबे का समय खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि बस्तर में जब गोलियां चलती थीं और बम फटते थे, वे दिन अब खत्म हो चुके हैं. मैं नक्सली भाइयों से आग्रह करता हूं कि वे हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं. आप हमारे अपने हैं. जब कोई नक्सली मारा जाता है, तो कोई खुश नहीं होता. बस हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं.

कंप्यूटर और कलम की जरूरत

शाह ने बताया कि 2025 में अब तक कुल 521 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और 2024 में 881 नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे. उन्होंने कहा कि जिन नक्सलियों को यह समझ आ गया है कि विकास के लिए हथियारों, आईईडी और ग्रेनेड की नहीं, बल्कि कंप्यूटर और कलम की जरूरत है उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है. 

बस्तर के लोगों ने विकास नहीं देखा

शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मुख्यधारा में लौटने वालों को पूरी सुरक्षा और सहायता प्रदान करेंगी. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को विकास की जरूरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच साल में बस्तर को सब कुछ देना चाहते हैं. बस्तर ने 50 साल में विकास नहीं देखा है. हालांकि, यह तभी हो सकता है जब बच्चे स्कूल जाएं, तहसीलों में स्वास्थ्य सुविधाएं हों और हर व्यक्ति के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और स्वास्थ्य बीमा हो.

शाह ने इस बात पर जोर दिया कि बस्तर के लोगों को अपने घरों और गांवों से नक्सलवाद को खत्म करने में आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि विकास तभी हो सकता है जब बस्तर के लोग तय करें कि वे अपने घरों और गांवों को नक्सलवाद से मुक्त करेंगे. गृह मंत्री ने नक्सलवाद से निपटने और आदिवासी समुदायों की सहायता करने में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने राज्य सरकार की उस घोषणा पर प्रकाश डाला जिसमें कहा गया है कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण में मदद करने वाले और खुद को माओवाद-मुक्त घोषित करने वाले प्रत्येक गांव को 1 करोड़ रुपये का निर्माण कार्य दिया जाएगा.

सीएम साय की तारीफ की

शाह ने दशकों से आदिवासियों का शोषण करने वाले बिचौलियों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री साय की भी प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि अब सरकार आदिवासियों से 4,000 रुपये प्रति मानक बोरी की रिकॉर्ड दर पर सीधे तेंदू पत्ते खरीदेगी. यह वास्तव में एक ऐतिहासिक निर्णय है.

बस्तर पंडुम महोत्सव का होगा आयोजन

शाह ने कहा कि बस्तर अब नक्सलवाद के लिए नहीं बल्कि अपनी समृद्ध लोक परंपराओं, आदिवासी विरासत और प्रगति के लिए पहचाना जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले साल राष्ट्रीय स्तर पर बस्तर पंडुम महोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पूरे भारत के आदिवासी समुदाय अपनी सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन करने के लिए भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि मैं भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अनुरोध करूंगा कि वे इस कार्यक्रम में शामिल हों और हमारे आदिवासी भाइयों और बहनों को आशीर्वाद दें.

शाह ने कहा कि दशकों तक आदिवासी आबादी का शोषण करने, उन्हें धोखा देने और उन्हें आतंकित करने वालों का युग अब समाप्त हो चुका है. बस्तर विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है. बस्तर की नई पहचान डर नहीं, बल्कि गौरव होगी.

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05 April 2025, 08:10 PM IST

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