'बहुत कम समय में...' शेख हसीना के भारत आने पर क्या बोले विदेश मंत्री, बताया पूरा घटनाक्रम
S.Jaishankar: बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर जारी हिंसा बीच सरकार का तख्तापलट हो चुका है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद देश को छोड़ दिया है. इस बीच भारत की कमान अब सेना के हाथों में हैं. इस दौरान आज यानी मंगलवार को राज्यसभा में भारत के विदेश मंत्री एस जय शंकर ने शेख हसीना से जुड़ा एक अहम खुलासा किया है.
S.Jaishankar: बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर जारी हिंसा के बीच सरकार का तख्तापलट हो चुका है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद देश को छोड़ दिया है. इस बीच आज यानी मंगलवार को राज्यसभा में भारत के विदेश मंत्री एस जय शंकर ने शेख हसीना से जुड़ा एक अहम खुलासा किया है. विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है, जो प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर भाग जाने के बाद राजनीतिक संकट की चपेट में है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच राज्य सभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने आगे कहा, 'पिछले 24 घंटों में, हम ढाका में अधिकारियों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं. अभी यही स्थिति है. मैं एक महत्वपूर्ण पड़ोसी के बारे में संवेदनशील मुद्दों के संबंध में सदन की समझ और समर्थन की मांग करता हूं, जिस पर हमेशा एक मजबूत राष्ट्रीय सहमति रही है.'
क्या बोले जय शंकर?
जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों के मामले में स्थिति पर नजर रख रही है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हसीना के जाने के बाद हुई हिंसा में हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई. उन्होंने अपने बयान में कहा, 'विभिन्न समूहों और संगठनों द्वारा उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए पहल की खबरें हैं. हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन स्वाभाविक रूप से कानून और व्यवस्था बहाल होने तक हम बेहद चिंतित रहेंगे. हमारे सीमा सुरक्षा बलों को भी इस जटिल स्थिति के मद्देनजर असाधारण रूप से सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है."
शेख हसीना के भारत आने पर क्या बोले मंत्री?
इस दौरान जय शंकर ने ढाका में हुए घटनाक्रमों के बारे में, जिसके कारण शेख हसीना देश छोड़कर भारत पहुंचीं. उसपर कहा, '5 अगस्त को, कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में जमा हुए. हमारी समझ यह है कि सुरक्षा प्रतिष्ठान के नेताओं के साथ बैठक के बाद, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्पष्ट रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया.' बहुत ही कम समय में, उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी मांगी. हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ. वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं.
बांग्लादेश में करीब 19000 भारतीय नागरिक
इस बीच सदन को दिए अपने बयान में, जयशंकर ने जोर देकर कहा कि सरकार राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निकट और निरंतर संपर्क में है. अनुमान है कि वहां 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9,000 छात्र हैं. हाई कमिशन की सलाह पर जुलाई के महीने में अधिकांश छात्र पहले ही भारत लौट चुके हैं.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी राजनयिक उपस्थिति के संदर्भ में, ढाका में हाई कमीशन के अलावा, चटगांव, राजशाही, खुलनाऔर सिलहट में हमारे सहायक हाई कमिशन हैं. हमारी उम्मीद है कि मेजबान सरकार इन प्रतिष्ठानों के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रदान करेगी. हम स्थिति के स्थिर होने के बाद उनके सामान्य कामकाज की उम्मीद करते हैं,'