2035 तक भारत के पास होगा अंतरिक्ष स्टेशन, मंत्री जितेंद्र सिंह की घोषणा

Indian Space: केंद्रीय मंत्री और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 2035 तक भारत के पास अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन होगा जिसे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के नाम से जाना जाएगा. यह खुलासा आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के बीच एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की घोषणा के बाद किया गया है.

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Indian Space: केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा. इसे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के नाम से जाना जाएगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के बीच ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के अवसर पर उन्होंने ये घोषणा की.

अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना

इसका उद्देश्य वैज्ञानिक नवाचार के नए युग की शुरुआत करते हुए जैव प्रौद्योगिकी को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत करना है. एमओयू कई प्रमुख पहलों की रूपरेखा तैयार करता हैृ. इसमें भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और बायोई3 (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति का अनावरण शामिल है.

अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या में वृद्धि

मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के तेजी से विकास में सहायक रही है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. लगभग 300 स्टार्टअप अब अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं. इस साझेदारी से राष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को लाभ होने की उम्मीद है.

'वैज्ञानिक क्षमताओं को वैश्विक पहचान दिलाई'

इस साझेदारी से राष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को लाभ होने और कुशल अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण के लिए मानव स्वास्थ्य अनुसंधान, नवीन फार्मास्यूटिकल्स, पुनर्योजी चिकित्सा और जैव-आधारित प्रौद्योगिकियों में नवाचारों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. डॉ. सिंह ने पहली डीएनए वैक्सीन विकसित करने में जैव प्रौद्योगिकी विभाग की भूमिका को भी स्वीकार किया, जिसने भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं को वैश्विक पहचान दिलाई. First Updated : Sunday, 27 October 2024