PT Usha: भारतीय रेसलर विनेश फोगाट फाइनल में जाकर बाहर हो गईं. जिसके बाद काफी विरोध भी देखने को मिला अब इस पर भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने रविवार को आईओए मेडिकल टीम, विशेष रूप से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला की आलोचना के जवाब दिया है. उन्होंने विनेश फोगट पर उंगली उठाते हुए कहा कि कुश्ती, मुक्केबाजी और जूडो जैसे खेलों में अपने वजन को नियंत्रित रखना एथलीट की जिम्मेदारी होती है.
विनेश ने बुधवार को महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा में स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले सुबह के वजन में 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था. जिसके बाद संयुक्त रजत पदक के लिए अपील की थी. पेरिस में हुई इस घटना से 29 वर्षीय पहलवान, जो पिछले मंगलवार को ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं, बहुत दुखी हुईं और एक दिन बाद ही उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी.
भारत में अब इस घटना के बाद से ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. संसद में कुछ लोगों ने डॉ. पारदीवाला और उनकी टीम पर लापरवाही का आरोप लगाया, जबकि पूर्व आईओए प्रमुख नरेंद्र बत्रा ने आरोप लगाया कि विनेश के आहार का उसके अयोग्य ठहराए जाने से कुछ लेना-देना हो सकता है.
उषा ने एक बयान में कहा कि कुश्ती, मुक्केबाजी और जूडो जैसे खेलों में एथलीटों के वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रत्येक एथलीट और उसके कोच की है, न कि आईओए द्वारा नियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की. इसके साथ ही आईओए की चिकित्सा टीम, खासकर डॉ. पारदीवाला के प्रति आलोचना सही नहीं है और निंदा के योग्य है.
उन्होंने आगे कहा कि कई एथलीटों के पास अपना खुद का सहायक स्टाफ होता है. साथ ही आईओए द्वारा नियुक्त मेडिकल टीम, जिसका गठन पेरिस खेलों से कुछ महीने पहले ही किया गया था, केवल खिलाड़ियों को चोटों से उबरने और उनका प्रबंधन करने में मदद करने के लिए बनाई गई थी. इस टीम को उन एथलीटों की सहायता के लिए भी डिज़ाइन किया गया था जिनके पास पोषण विशेषज्ञों और फिजियोथेरेपिस्टों की अपनी टीम नहीं थी.
First Updated : Monday, 12 August 2024