"अहंकार को दूर रखें, नहीं तो गड्ढे में गिर सकते हैं" Mohan Bhagwat का बड़ा बयान

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि समाज में गलत होने की भावना तेजी से फैल रही है, जबकि 40 गुना अच्छी चीजें भी घटित हो रही है. उन्होंने शख्स में होने वालो 2 मैं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा हमेशा पके हुए मैं यानी परिपक्व मैं को साथ लेकर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भारत विकास परिषद के विकलांग केंद्र के समापन समारोह में कहा कि हर एक शख्स को अहंकार से बचना चाहिए. अगर वो इससे दूर नहीं रहता है तो किसी भी बड़ी मुसीबत में पड़ सकता है. इस बात को समझाने के लिए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने रामकृष्ण परमहंस की के विचार का जिक्र किया. उन्होंने ‘पका हुआ मैं’ और ‘कच्चा मैं’ यानी परिपक्व (अनुभवी) और अपरिपक्व( अनुभवहीन) मैं के बारे में बताया.

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