'मेरी वाइफ भी संडे को मुझे निहारती है...', महिंद्रा के बाद 90 घंटे काम पर बोले सीईओ अदार पूनावाला
सीरम इंस्टीट्यूट के CEO आदर पूनावाला ने 90 घंटे काम को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने काम के घंटों के बजाय गुणवत्ता को प्राथमिकता देने की बात की, जो महिंद्रा के विचारों से मेल खाती है. L&T के चेयरमैन एसएन सुब्रहमण्यम द्वारा 90 घंटे काम करने के सुझाव पर विवाद हुआ, जिसे कई हस्तियों ने आलोचना की.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO आदर पूनावाला ने देश में वर्किंग ऑवर्स पर चल रही बहस में अपनी राय व्यक्त की है. उन्होंने काम के घंटे की मात्रा के मुकाबले उसकी गुणवत्ता पर जोर दिया. उन्होंने महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि हां, मेरी पत्नी (नताशा पूनावाला) भी मुझे अद्भुत मानती हैं, वह रविवार को मुझे देखना पसंद करती हैं. हमेशा गुणवत्ता को प्राथमिकता देनी चाहिए, काम के घंटे की मात्रा नहीं.
पूनावाला का ये बयान महिंद्रा के हालिया ट्वीट के बाद आया, जिसमें महिंद्रा ने कहा था कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आप एक हफ्ते में 48, 70 या 90 घंटे काम करते हैं, बल्कि यह अहम है कि आपका आउटपुट क्या है. उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि मेरी पत्नी अद्भुत है, उसे मुझे देखना बहुत पसंद है.
Yes @anandmahindra, even my wife @NPoonawalla thinks i am wonderful, she loves staring at me on Sundays. Quality of work over quantity always. #worklifebalance pic.twitter.com/5Lr1IjOB6r
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) January 12, 2025
लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन के बयान पर विवाद
लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रहमण्यम के हालिया बयान ने विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया था कि कर्मचारियों को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए 90 घंटे काम करना चाहिए, यहां तक कि रविवार को भी. उन्होंने कहा था कि वह खेद महसूस करते हैं कि L&T के कर्मचारी रविवार को काम नहीं करते हैं और यह भी कहा कि अगर मैं आपको रविवार को काम करने के लिए कह सकता हूं, तो मुझे खुशी होगी, क्योंकि मैं भी रविवार को काम करता हूं.
प्रतिक्रियाएं और आलोचनाएं
सुब्रहमण्यम के बयान ने अन्य हस्तियों से तीखी आलोचना मिली. आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने 90 घंटे काम करने के विचार का मजाक उड़ाते हुए इसे "बर्नआउट के लिए एक नुस्खा, सफलता के लिए नहीं" कहा. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि रविवार को "संडे ड्यूटी" नाम दिया जाए और "डे ऑफ" को एक काल्पनिक अवधारणा बना दिया जाए. उन्होंने कार्य-जीवन संतुलन को अनिवार्य बताते हुए लोगों से "स्मार्ट काम करें, गुलाम नहीं" की अपील की.
इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने पहले ही लंबे कामकाजी घंटों का समर्थन करते हुए सुझाव दिया था कि कर्मचारियों को 70 घंटे तक काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए.