'अब सर्जिकल स्ट्राइक नहीं, पीओके वापस लें', टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने पीएम मोदी को दिया चैलेंज
टीएमसी सांसद ने आरोप लगाया कि वे पिछले कुछ दिनों से मुख्यधारा के मीडिया और केंद्र सरकार के नेताओं के आचरण पर करीबी नजर रख रहे हैं. उनका कहना था कि पहलगाम आतंकवादी हमले में हुई मौतों की जिम्मेदारी का गहराई से अध्ययन करने की बजाय, लोग एक विशेष राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाने के लिए राजनीतिक ध्रुवीकरण पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.

टीएमसी नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी ने रविवार (27 अप्रैल) कोपहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने की मांग की. इस हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे. बनर्जी ने इस मौके पर एक मजबूत बयान देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब दिया जाए, और यह "सर्जिकल स्ट्राइक या प्रतीकात्मक धमकियों" का समय नहीं है.
पाकिस्तान को "सबक" सिखाने का समय: अभिषेक बनर्जी
अभिषेक बनर्जी ने एक्स (Twitter) पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को उनकी भाषा में जवाब दिया जाए. अब समय आ गया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लिया जाए." उन्होंने यह भी कहा कि यह समय है जब भारत को "क्षुद्र राजनीति से ऊपर उठकर" इस मुद्दे का निर्णायक रूप से सामना करना चाहिए. उनका यह बयान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आतंकवादी हमले के प्रति उनकी गहरी चिंता और पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में जारी दखलअंदाजी के खिलाफ उनकी कड़ी आलोचना का प्रतीक है.
टीएमसी सांसद ने आरोप लगाया कि वे पिछले कुछ दिनों से मुख्यधारा के मीडिया और केंद्र सरकार के नेताओं के आचरण पर करीबी नजर रख रहे हैं. उनका कहना था कि पहलगाम आतंकवादी हमले में हुई मौतों की जिम्मेदारी का गहराई से अध्ययन करने की बजाय, लोग एक विशेष राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाने के लिए राजनीतिक ध्रुवीकरण पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.
टीएमसी नेता का तीखा आरोप
टीएमसी नेता ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम ऐसी तुच्छ राजनीति से ऊपर उठें और इस मुद्दे का एक बार और निर्णायक रूप से सामना करें. उनका यह बयान उस समय आया है जब कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में 22 अप्रैल को एक जघन्य आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी. इस हमले में मारे गए अधिकांश लोग पर्यटक थे, जो बैसरन घाटी के पास स्थित एक इलाके में आतंकवादियों के हमले का शिकार हो गए थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने दिया कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रविवार को इस हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि हमले में शामिल आतंकवादियों और साजिशकर्ताओं को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. उन्होंने अपने 'मन की बात' संबोधन में कहा, "हम आतंकवाद के खिलाफ अपने संघर्ष में पूरी तरह एकजुट हैं. आतंकवाद के खिलाफ यह एकजुटता भारत की सबसे बड़ी ताकत है." पीएम मोदी ने यह भी कहा कि पीड़ितों को न्याय मिलेगा और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी.
भारत की प्रतिक्रिया और पाकिस्तान से बढ़ती नाराजगी
प्रधानमंत्री मोदी और अन्य भारतीय नेताओं द्वारा की गई इस प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि भारत पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों में कड़ी कार्रवाई की ओर बढ़ने का मन बना चुका है. पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों के खिलाफ और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है. इस हमले ने भारत को यह याद दिलाया कि पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद की गतिविधियां देश के लिए एक गंभीर खतरा हैं, और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है.
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान
इस हमले ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी खींचा है, खासकर पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों की सरपरस्ती पर. भारत ने पहले भी पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, और अब इस घटना के बाद उन कदमों में और तेजी आने की संभावना जताई जा रही है. इस बीच, कश्मीर में हो रहे इस तरह के हमलों के बीच भारत सरकार का यह रुख और कड़ा होता जा रहा है, और यह निश्चित रूप से भारत-पाकिस्तान के संबंधों में एक नई दिशा का संकेत है.


