Atul Subhash suicide case: बेंगलुरु के 34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है. उनके परिवार और समर्थक न्याय की मांग कर रहे हैं. वहीं, उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया के परिवार ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए खुद को बेगुनाह बताया है. उन्होंने कहा है कि वे जल्द ही सबूत पेश करेंगे, जिससे यह साबित हो सके कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया.
अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी. उनके पीछे 90 मिनट का वीडियो और 24 पन्नों का सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और उसके परिवार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस घटना ने विवाह संबंधी कानूनों के दुरुपयोग पर नई बहस छेड़ दी है.
निकिता सिंघानिया के परिवार ने कहा, "जो कुछ हुआ, उसके लिए हम दोषी नहीं हैं. हमें अतुल की मौत का अफसोस है, लेकिन हमने कुछ भी गलत नहीं किया है. जल्द ही हम सारे सबूत पेश करेंगे."
अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में अपनी पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए नौ मामलों का उल्लेख किया. उन्होंने अपने संघर्षों और उत्पीड़न के बारे में विस्तार से बताया, जो कथित तौर पर उनकी आत्महत्या का कारण बना.
अतुल के भाई विकास कुमार ने चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसे बेंगलुरु पुलिस ने एफआईआर में बदल दिया. एफआईआर में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, उनके भाई अनुराग सिंघानिया और उनके चाचा सुशील सिंघानिया को आरोपी बनाया गया है.
सुप्रीम कोर्ट की चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना के मद्देनजर विवाह संबंधी कानूनों के दुरुपयोग पर चिंता जताई है. न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि महिलाओं को घरेलू हिंसा और उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाए गए कानूनों का कुछ महिलाएं अपने पति और ससुराल वालों पर दबाव बनाने के लिए गलत इस्तेमाल कर रही हैं. कोर्ट ने इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता बताई है. First Updated : Wednesday, 11 December 2024