'अब राम मंदिर में कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा', आचार्य सत्येंद्र दास के निधन के बाद ट्रस्ट ने की घोषणा, बताई यह वजह
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का इस साल फरवरी में निधन हो गया था. तब से यह पद खाली है. उन्होंने ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) में अंतिम सांस ली. अयोध्या की सरयू नदी में उनके पार्थिव शरीर को जल समाधि दी गई. सत्येंद्र दास एक हिंदू महंत बाबरी मस्जिद विध्वंस से पहले भी अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी थे.

अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में अब कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा. दरअसल, महंत सत्येंद्र दास के निधन के बाद यह पद खाली हो गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र सचिव चंपत राय ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब किसी पुजारी को मुख्य पुजारी कहने में अतिशयोक्ति होगी क्योंकि महंत सत्येंद्र दास जितना कोई विद्वान नहीं है. उनकी उम्र और सम्मान का कोई पुजारी इस वक्त नहीं है.
बता दें कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का इस साल फरवरी में निधन हो गया था. तब से यह पद खाली है. उन्होंने ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) में अंतिम सांस ली. अयोध्या की सरयू नदी में उनके पार्थिव शरीर को जल समाधि दी गई.
क्या बोले चंपत राय?
चंपत राय ने कहा कि हमने सत्येंद्र दास से छह महीने पहले ही इस संबंध में बात की थी. अब कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा. उन्होंने बताया कि सत्येंद्र दास की उम्र और सम्मान जितना कोई व्यक्ति नहीं है. कोई भी व्यक्ति इतने लंबे समय तक हनुमानगढ़ी का महंत नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि वे 1993 से सेवा कर रहे थे. वो 100 रुपये मासिक वेतन लेते थे. चंपत राय ने कहा कि अब मंदिर में हर कोई नया और युवा पुजारी है. कोई भी उनके जितना विद्वान नहीं है. अब किसी को मुख्य पुजारी के रूप में संबोधित करना अतिशयोक्ति होगी.
कौन थे आचार्य सत्येंद्र दास?
सत्येंद्र दास एक हिंदू महंत बाबरी मस्जिद विध्वंस से पहले भी अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी थे. वह बांग्लादेश में अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका की निंदा करने वाले पहले हिंदू पुजारियों में से थे. आचार्य सत्येंद्र दास को अयोध्या के सबसे सुलभ संतों में से एक माना जाता था और अक्सर मीडियाकर्मी अयोध्या और राम मंदिर से संबंधित घटनाक्रमों पर जानकारी के लिए उनसे संपर्क करते थे.