डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर सभी तरह की तैयारियों पूरी हो चुकी है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का स्मारक बनाया जाए. कांग्रेस की इस मांग को लेकर देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की आलोचना की है.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से अपनी नाराजगी जताई. उन्होंने लिखा, "जब 2020 में उनके पिता और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हुआ तो कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस कार्य समिति द्वारा शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई. शर्मिष्ठा ने उस दौरान कांग्रेस नेतृत्व पर इस मुद्दे पर उन्हें गुमराह करने का भी आरोप लगाया है.
शर्मिष्ठा के मुताबिक कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने उनसे कहा था कि भारत के राष्ट्रपतियों के निधन पर पार्टी की सीडब्ल्यूसी द्वारा शोक सभा बुलाने की परंपरा नहीं रही है.शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस नेताओं के इस तर्क को भी गलत बताया और कहा कि उन्हें अपने पिता की डायरियों से पता चला है कि एक और पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी. उस दौरान शोक संदेश का मसौदा खुद उनके पिता प्रणब मुखर्जी ने ही तैयार किया था.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूर्व कांग्रेस नेता सी.आर. केसवन की एक को शेयर करते हुए ये प्रतिक्रिया दी. सी.आर. केसवन ने अपनी पोस्ट में लिखा है, “यह वास्तव में विडंबना है कि कांग्रेस अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को परंपराओं और अंतिम संस्कार स्थल को स्मारक के लिए पवित्र स्थल बनाने के बारे में लिख रहे हैं. खड़गे जी को याद दिलाना चाहिए कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव जी के लिए दिल्ली में कभी स्मारक नहीं बनाया, जिनका निधन 2004 में हुआ था.”
सी.आर. केसवन ने आगे लिखा, “कांग्रेस ने 2004-2014 तक सत्ता में रहने के 10 वर्षों में उनके लिए कभी स्मारक नहीं बनाया. ह केवल प्रधानमंत्री मोदी जी ही थे जिन्होंने 2015 में नरसिम्हा राव जी के लिए एक स्मारक की स्थापना की और उन्हें 2024 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया. मनमोहन जी के मीडिया सलाहकार संजय बारू ने अपनी पुस्तक में दावा किया कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि राव का अंतिम संस्कार दिल्ली में हो, बल्कि हैदराबाद में हो और राव के बच्चों को यह बात बताने के लिए उनसे संपर्क किया गया था. दाह संस्कार हैदराबाद में हुआ, जबकि राव के पार्थिव शरीर को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में नहीं रखा गया. सिद्धांतहीन कांग्रेस के ऐतिहासिक पापों को हमारा राष्ट्र न तो कभी भूलेगा और न ही माफ करेगा.” First Updated : Saturday, 28 December 2024