'लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे, रो रहे थे...', प्रत्यक्षदर्शी ने बताया क्या क्या हुआ?
गेटवे ऑफ इंडिया पर बुधवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया. एक नाव और जहाज आपस में टकरा गए. इस घटना में 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 90 से अधिक लोग घायल हो गए.
मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया तब हाहाकार मच गया, जब वहां एक नाव और जहाज की टक्कर हो गई. इस हादसे में 13 लोगों की जान चली गई, जबकि 90 से अधिक लोग घायल हो गए. रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल एक नाव चालक आरिफ बामने ने बताया कि जब हम वहां पहुंचे तो स्थिति दुखद और अफरातफरी थी। लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और कुछ रो रहे थे.
लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे
नाव चालक ने बताया कि रेस्क्यू टीम ने सबसे पहले महिलाओं और बच्चों को बचाने का प्रयास किया. उसने बताया कि मछुआरों की एक नाव और एक अन्य टूरिस्ट नाव पहले ही वहां पहुंच चुकी थी और वह लोगों को बचाने में जुट गए. आरिफ ने बताया कि जब हम वहां पहुंचे तो स्थिति बहुत त्रासद थी और अफरा-तफरी मची हुई थी. लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे. कुछ लोग रो रहे थे. हमने महिलाओं और बच्चों को सबसे पहले बचाना शुरू किया.
एक अन्य टूरिस्ट बोट के चालक इकबाल ने बताया कि जब नीलकमल बोट एलिफेंटा केव के लिए रवाना हुई तो उसके 25 से 30 मिनट बाद मुझे लगा कि उस नौका का एक्सिडेंट हो गया है. हम सबसे पहले वहां पहुंचने वालों में थे. नाव पलट गई थी और पानी में बह रहे लोग मदद के लिए हाथ हिला रहे थे.
नाव में क्षमता से ज्यादा लोग सवार थे
सूत्रों का कहना है कि जो बोट पलट गई थी, उसमें 80 लोगों के बैठने की क्षमता थी लेकिन उसमें जरूरत से ज्यादा लोगों को बैठाया गया था. इस घटना की सूचना मिलने के बाद तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था. नौसेना का कहना है कि तटरक्षक बल और मरीन पुलिस के मदद से हमने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया. इस ऑपरेशन में नौसेना के चार हेलिकॉप्टर, 11 जह, एक तटरक्षक नौका और तीन मरीन पुलिस बोट शामिल थे.
ऐसा लगा स्टंट कर रहा है स्पीड बोट का चालक
वहीं, राजस्थान के जालौर के रहने वाले श्रवण कुमार ने इस हादसे का वीडियो बनाया है. श्रवण ने बताया कि नेवी की स्पीड बोट स्टंट कर रही थी. हमें ये देखकर शक हुआ, इसलिए वीडियो बनाना शुरू किया. कुछ ही पलों में बोट ने हमारी फेरी को टक्कर मार दी. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है. पुलिस ने इस मामले में नौसेना के स्पीड बोट चालक और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(1), 125(a)(b), 282, 324(3)(5) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.