'आरोप साबित करें या फिर माफी मांगे', अनुराग ठाकुर पर क्यों भड़के मल्लिकार्जुन खरगे?
अनुराग ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 का विरोध करने के लिए कांग्रेस पर हमला किया. बीजेपी सांसद ने कहा कि प्रस्तावित कानून कांग्रेस की 'तुष्टिकरण की राजनीति' के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा. उन्होंने खरगे पर बिना अनुमति के जमीन हड़पने का भी आरोप लगाया. राज्यसभा में बोलते हुए खरगे ने ठाकुर से कहा कि या तो वे आरोप साबित करें या अपने बयान के लिए माफी मांगें.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए 'जमीन हड़पने' के आरोप साबित हो जाते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे. संसद के ऊपरी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही खरगे ने आरोप पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ठाकुर के आरोपों से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है. उन्होंने भाजपा सांसद से कहा कि वे अपने खिलाफ लगाए गए 'बेबुनियाद' आरोपों को साबित करें या इस्तीफा दें.
अनुराग ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 का विरोध करने के लिए कांग्रेस पर हमला किया. बीजेपी सांसद ने कहा कि प्रस्तावित कानून कांग्रेस की 'तुष्टिकरण की राजनीति' के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा. उन्होंने खरगे पर बिना अनुमति के जमीन हड़पने का भी आरोप लगाया.
खड़गे ने ठाकुर की आलोचना की
राज्यसभा में बोलते हुए खरगे ने ठाकुर से कहा कि या तो वे आरोप साबित करें या अपने बयान के लिए माफी मांगें. उन्होंने कहा कि मैं अनुराग ठाकुर के बेबुनियाद आरोपों की निंदा करने के लिए खड़ा होने को मजबूर हूं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैं सदन के नेता से माफी की उम्मीद करता हूं. अगर अनुराग ठाकुर अपने आरोप साबित नहीं कर सकते, तो उन्हें संसद में रहने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए," खड़गे ने कहा, "अगर यह साबित हो जाता है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. अगर भाजपा मुझे डराकर झुकाना चाहती है, तो मैं कभी नहीं झुकूंगा. मैं टूट जाऊंगा, लेकिन कभी नहीं झुकूंगा."
अगर ये BJP के लोग मुझे डराकर झुकाना चाहते हैं, तो उन्हें याद दिला दूं कि मैं टूट जाऊंगा लेकिन कभी झुकूंगा नहीं !
— Mallikarjun Kharge (@kharge) April 3, 2025
I rise in deep anguish. My life has always been an open book, full of struggles and battles, but I have always upheld the highest values in public life. After almost… pic.twitter.com/SfykZTnqAY
राज्य सभा के सभापति ने अपना पक्ष रखा
सत्र की अध्यक्षता कर रहे राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इस विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को अपने सदस्यों को शिक्षित करना चाहिए. उन्होंने कहा, "मेरे लिए, हर सदस्य की एक अनमोल प्रतिष्ठा है. इसलिए, जो कुछ भी हटाया गया है, उसे कभी भी आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए." अध्यक्ष ने कहा, "नैतिकता समिति को सक्रिय होना चाहिए."