सरकारी भर्तियों में आरक्षण का रहना जरूरी, UPSC में लेटरल एंट्री विवाद में कूदे चिराग पासवान

Chirag Paswan: बीजेपी के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सरकारी नियुक्तियों के लिए किसी भी पहल की कड़ी आलोचना की है, जो आरक्षण के सिद्धांतों के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि इसमें कोई अगर-मगर की बात नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया की सरकारी नौकरियों में इस तरह के प्रावधान जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को केंद्र सरकार के सामने उठाएंगे.

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Chirag Paswan: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) देश की कठीन परिक्षाओं में से एक है. इन दिनों इसमें लेटरल एंट्री को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इसको लेकर विपक्ष लगातार हमला कर रहा है. लेकिन अब इस मामले में  केंद्र सरकार में सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मत्री चिराग पासवान की एंट्री हो गई है. 

चिराग पासवान ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में लेटरल एंट्री को पूरी तरह गलत बताते हुए कहा कि सरकार के समक्ष वो इस मुद्दे को उठाने की योजना बना रहे हैं. बता दें कि 17 अगस्त को संघ लोक सेवा आयोग की तरफ से जारी एक विज्ञापन में केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर लेटरल भर्ती के लिए प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिकों के लिए आवेदन मांगे थे.

चिराग पासवान ने किया लेटरल एंट्री का विरोध

इसके साथ ही यूपीएसएसी के इन 45 पदों पर लेटरल एंट्री की आलोचना करने वाले चिराग पासवान एनडीए के पहले सहयोगी हैं. चिराग पासवान ने इस मुद्दे पर अपनी पार्टी का स्टैंड क्लिर करते हुए कहा कि एलजेपी (आरवी) ऐसी नियुक्तियों के बिल्कुल पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां भी सरकारी नियुक्तियां होती हैं, आरक्षण के प्रावधानों का वहां पालन किया जाना चाहिए.

लेटरल एंट्री बना चिंता का विषय

चिराग ने आगे कहा कि यह मामला जिस तरह से प्रकाश में आया है, उनके लिए वह चिंता का विषय है, क्योंकि उनकी पार्टी भी सरकार का हिस्सा है और उनके पास इन मुद्दों को सामने लाने के लिए मंच है.

'सरकारी भर्तियों में आरक्षण का रहना जरूरी'

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आगे कहा कि मेरी पार्टी का ऐसी नियुक्तियों पर रुख बिल्कुल स्पष्ट है. जहां भी सरकारी नियुक्तियां होती हैं, आरक्षण के प्रावधानों का वहां पालन होना चाहिए. अपनी पार्टी की ओर से बोलते हुए, इसके बिल्कुल पक्ष में हम नहीं हैं. यह पूरी तरह से गलत है और इस मामले को मैं सरकार के समक्ष उठाऊंगा.


First Updated : Tuesday, 20 August 2024