'वो चिल्ला सकती थी... जबरदस्ती नहीं हुई', पुणे रेप केस में आरोपी के वकील की चौंकाने वाली दलील
Pune rape case: महाराष्ट्र के पुणे में 26 वर्षीय युवती के साथ हुए बलात्कार के मामले ने पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया है. इस बीच अदालत में आरोपी के वकील की चौंकाने वाली दलीलों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. वकील ने दावा किया कि पीड़िता की सहमति थी और अगर वह चाहती तो मदद के लिए चिल्ला सकती थी.

Pune rape case: महाराष्ट्र के पुणे में 26 वर्षीय युवती के साथ हुए बलात्कार के मामले ने पूरे राज्य में आक्रोश पैदा कर दिया है. घटना को लेकर पुलिस की कार्रवाई जारी है, लेकिन इस बीच आरोपी के वकीलों ने अदालत में जो तर्क पेश किया, उसने नया विवाद खड़ा कर दिया है. आरोपी के वकीलों ने दावा किया कि यह कृत्य पीड़िता की सहमति से हुआ था और अगर वह चाहती, तो चिल्लाकर मदद मांग सकती थी.
यह घटना पुणे के स्वारगेट बस टर्मिनल पर खड़ी एक शिवशाही बस में मंगलवार सुबह करीब 5:30 बजे हुई. आरोपी दत्तात्रेय रामदास गाडे ने पहले पीड़िता से बातचीत की और उसे 'दीदी' कहकर भरोसे में लिया. इसके बाद उसने जबरन बस के अंदर ले जाकर दुष्कर्म किया. सुबह 9:30 बजे पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मेडिकल जांच हुई और देर शाम एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस ने ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से आरोपी को शिरूर तहसील के एक धान के खेत से गिरफ्तार किया.
आरोपी के वकील की चौंकाने वाली दलील
अदालत में सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील साजिद शाह ने दावा किया कि यह घटना सहमति से हुई थी. उन्होंने कहा कि पुलिस के पास यह साबित करने के लिए कोई ठोस आधार नहीं है कि आरोपी "आदतन अपराधी" है. वकील वाजिद खान ने कोर्ट में कहा, "अगर पीड़िता चाहती तो चिल्ला सकती थी, पर उसने ऐसा नहीं किया. इसलिए इसे बलात्कार नहीं कहा जा सकता."
वकीलों की दलील पर भड़के लोग
इस तरह की दलीलों ने सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश फैला दिया है. महिला संगठनों और आम नागरिकों ने वकीलों के तर्कों की कड़ी आलोचना की है. कई लोगों ने इसे पीड़िता को शर्मिंदा करने की कोशिश बताया और अदालत से ऐसी दलीलों को खारिज करने की मांग की.
आरोपी पुलिस हिरासत में
फिलहाल अदालत ने आरोपी दत्तात्रेय रामदास गाडे को 12 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पुलिस इस मामले में तेजी से जांच कर रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि आरोपी को जल्द ही सख्त सजा मिलेगी.