'व्हाट्सएप पर इतिहास पढ़ना बंद करें', औरंगजेब समाधि विवाद पर राज ठाकरे ने दी युवाओं को नसीहत
राज ठाकरे ने ऐसी बहसों की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमें जल निकायों और पेड़ों की चिंता नहीं है, लेकिन हमें औरंगजेब के मकबरे की चिंता है?" उन्होंने विभाजनकारी राजनीति का शिकार होने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि लोगों को इतिहास के नाम पर लड़ाया जा रहा है और राजनेता संघर्ष को बढ़ावा देने के लिए इन मुद्दों का फायदा उठाते हैं. उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने महाराष्ट्र में 27 साल तक मराठों से लड़ाई लड़ी और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को कुचलने का प्रयास किया

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को औरंगजेब की कब्र को लेकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के प्रयासों की निंदा करते हुए कहा कि लोग इतिहास को इसे जाति और धर्म के चश्मे से न देखें. मुंबई के शिवाजी पार्क में अपनी वार्षिक गुड़ी पड़वा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने भ्रामक ऐतिहासिक नेरेटिव्स और व्हाट्सएप फॉरवर्ड के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि इतिहास की पढ़ाई सोशल मीडिया के बजाय विश्वसनीय स्रोतों से किया जाना चाहिए. उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब के मकबरे को लेकर विवाद पैदा करने के राजनीतिक प्रयासों की आलोचना की, जिसके कारण नागपुर में तनाव और यहां तक कि हिंसा भी हुई.
27 साल तक मराठाओं से लड़ा औरंगजेब
ठाकरे ने ऐसी बहसों की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमें जल निकायों और पेड़ों की चिंता नहीं है, लेकिन हमें औरंगजेब के मकबरे की चिंता है?" उन्होंने विभाजनकारी राजनीति का शिकार होने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि लोगों को इतिहास के नाम पर लड़ाया जा रहा है और राजनेता संघर्ष को बढ़ावा देने के लिए इन मुद्दों का फायदा उठाते हैं. ठाकरे ने इस बात पर जोर दिया कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने महाराष्ट्र में 27 साल तक मराठों से लड़ाई लड़ी और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को कुचलने का प्रयास किया, लेकिन अंततः असफल रहा.
आज भी है शिवाजी की विचारधारा
राज ठाकरे ने कहा कि औरंगजेब शिवाजी नामक एक विचार को मारना चाहता था.उन्होंने आगे कहा कि शिवाजी महाराज के निधन के बावजूद औरंगजेब उनकी विचारधारा को मिटाने के असफल प्रयास में महाराष्ट्र में ही रहा. उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि शिवाजी के बेटे संभाजी महाराज ने आगरा से भागने पर औरंगजेब के बेटे को शरण भी दी थी. औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकरे ने सुझाव दिया कि वहां एक बोर्ड लगाया जाना चाहिए, जिसमें लिखा हो, "हमने इस राजा को मार डाला."
मनसे प्रमुख ने शिवाजी महाराज द्वारा मारे गए बीजापुर के सेनापति अफजल खान की कब्र के बारे में भी बात की और कहा कि यह शिवाजी की अनुमति के बिना नहीं बन सकती थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐतिहासिक घटनाओं को सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल करने के बजाय उनके उचित संदर्भ में समझा जाना चाहिए.
हिंदू किसी काम के नहीं
फिल्मों से इतिहास का ज्ञान प्राप्त करने वालों पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे ने कहा कि फिल्म देखने के बाद जागृत महसूस करने वाले हिंदू किसी काम के नहीं हैं. क्या आपने विक्की कौशल की वजह से संभाजी महाराज के बलिदान के बारे में या अक्षय खन्ना की वजह से औरंगजेब के बारे में सीखा?" वह हाल ही में आई ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म 'छावा' का जिक्र कर रहे थे, जिसमें छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन को दर्शाया गया है.
धर्म चारदीवारी के भीतर रहना चाहिए
ठाकरे ने धार्मिक और जाति-आधारित राजनीति की वर्तमान स्थिति की भी आलोचना की और तर्क दिया कि भारत की प्रगति केवल धर्म पर आधारित नहीं हो सकती. तुर्की को एक ऐसे राष्ट्र का उदाहरण बताते हुए जिसने खुद को सुधारा, उन्होंने कहा कि धर्म आपके घर की चारदीवारी के भीतर ही रहना चाहिए. एक हिंदू केवल तभी हिंदू के रूप में पहचाना जाता है जब मुसलमान सड़कों पर उतरते हैं या दंगों के दौरान; अन्यथा, हिंदू जाति से विभाजित होते हैं.
फडणवीस सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
राज ठाकरे ने फडणवीस सरकार पर अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया, खासकर मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना के मामले में. उन्होंने कहा कि मैंने आपको पहले भी बताया था, लेकिन आपने उन पर विश्वास किया, मुझ पर नहीं." विपक्षी दल महायुति सरकार पर इस योजना के तहत वित्तीय सहायता को वादे के अनुसार 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये न करने का आरोप लगाते रहे हैं.
ठाकरे ने मराठी के इस्तेमाल पर अपनी पार्टी के रुख को भी दोहराया और कहा कि आधिकारिक उद्देश्यों के लिए इसे अनिवार्य बनाया जाना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आप यहां रहते हैं और भाषा नहीं बोलते हैं, तो आपके साथ उचित तरीके से पेश आया जाएगा.