'टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल और तैयार भोजन...', भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार को भेजी 15 टन की सहायता

भारतीय वायुसेना का एक C17 विमान शनिवार सुबह करीब 4 बजे गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से म्यांमार के लिए रवाना हुआ. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया कि विमान में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, रेडी-टू-ईट मील, वाटर प्यूरीफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप और जेनरेटर सेट जैसी जरूरी चीजें हैं. बता दें कि भूकंप के झटके चीन के युन्नान प्रांत, बांग्लादेश के ढाका और चटगांव तथा भारत के कोलकाता और इम्फाल में भी महसूस किए गए.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भारत ने शक्तिशाली भूकंपों की एक श्रृंखला के बाद म्यांमार को 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी। भारत ने एयरफोर्स स्टेशन हिंडन से भारतीय वायु सेना (IAF) C-130J विमान में सवार होकर म्यांमार को राहत सामग्री भेजी। 7.2 तीव्रता के भूकंप सहित झटकों ने म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में भारी तबाही मचाई है. रिपोर्ट के अनुसार, अब तक भूकंप में 150 लोगों की मौत हो चुकी है.

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, शुक्रवार को रात 11:56 बजे (स्थानीय समयानुसार) रिक्टर स्केल पर 4.2 तीव्रता का भूकंप म्यांमार में आया। NCS के अनुसार, नवीनतम भूकंप 10 किमी की गहराई पर आया, भूकंप के बाद म्यामांर और थाईलैंड में भारी तबाही देखी गई.

हिंडन एयरबेस से राहत सामग्री लेकर रवाना हुआ C17

भारतीय वायुसेना का एक C17 विमान शनिवार सुबह करीब 4 बजे गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से म्यांमार के लिए रवाना हुआ. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया कि विमान में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, रेडी-टू-ईट मील, वाटर प्यूरीफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप और जेनरेटर सेट जैसी जरूरी चीजें हैं. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आवश्यक दवाइयां और चिकित्सा उपकरण जैसे पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, कैनुला, सीरिंज, दस्ताने, सूती पट्टियां, मूत्र बैग आदि लेकर एक खोज एवं बचाव दल भी उड़ान के साथ जा रहा है. 

भूकंप का केन्द्र म्यांमार के मध्य शहर मांडले में स्थित था, जो राजधानी नेपीता के उत्तर में है, जिससे थाईलैंड में भी शक्तिशाली झटके महसूस किये गये, जबकि बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 30 मंजिला इमारत के ढह जाने से तीन लोगों की मौत हो गई.

भूकंप के झटके चीन के युन्नान प्रांत, बांग्लादेश के ढाका और चटगांव तथा भारत के कोलकाता और इम्फाल में भी महसूस किए गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक आपदा पर चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. 

चीनी बचाव दल म्यांमार पहुंचा 

चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार, 37 सदस्यीय चीनी बचाव चिकित्सा दल वहां चल रहे तलाशी अभियान में सहायता के लिए म्यांमार पहुंच गया है. रिपोर्ट के अनुसार, आपातकालीन और बचाव उपकरण और अन्य सामान लेकर टीम शनिवार सुबह दक्षिण-पश्चिमी चीन के कुनमिंग चांगशुई हवाई अड्डे से रवाना हुई. वे भूकंप की पूर्व चेतावनी प्रणाली, ड्रोन और पोर्टेबल उपग्रह भी ले जा रहे हैं. चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चीन म्यांमार को आपातकालीन मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करने को तैयार है.

म्यांमार, थाईलैंड में बचाव अभियान जारी 

दोनों देशों में खोज एवं बचाव अभियान जारी है तथा बचावकर्मी जीवित लोगों की तलाश के लिए मलबे में खोजबीन कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार के दो सबसे बड़े शहरों, मांडले और यांगून में बिजली और संचार लाइनें ठप हो गई हैं, जिससे बचावकर्मियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं.

मांडले के एक निवासी ने बताया कि बिजली के बिना हम अपने फोन चार्ज नहीं कर सकते. दूर रहने वाले अपने परिवारों से संवाद करना मुश्किल है. अगर बिजली न हो तो हम इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते. 

गगनचुंबी इमारत ढहने के बाद सैकड़ों लोग लापता

थाईलैंड में एक निर्माणाधीन गगनचुंबी इमारत के ढहने के बाद करीब 100 लोग लापता हैं. बैंकॉक में कम से कम दो इमारतों को रात भर खाली कराया गया और शनिवार को भूकंप से हुए नुकसान के लिए स्वयंसेवक 2,000 और इमारतों का निरीक्षण करेंगे. चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचा चरमरा गया है, क्योंकि एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि अस्पताल में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर खत्म हो जाने के बाद मरीजों को अस्पताल से बाहर ले जाया गया. 

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29 March 2025, 08:48 AM IST

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