'मेरे घर के दरवाजे हमेशा के लिए बंद...' देवीलाल ने अपने बेटे ओम प्रकाश चौटाला के लिए ऐसा क्यों कहा था?
Om Prakash Chautala death: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का निधन हो गया है. एक बार पिता देवीलाल ने उन्हें घर से निकाल दिया था. चलिए, ये किस्सा जानते हैं कि आखिरकार ओपी चौटाला ने ऐसा क्या किया था, जो देवीलाल ने इतना बड़ा कदम उठा लिया था.
Om Prakash Chautala death: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का 89 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने गुरुग्राम स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. हरियाणा में उन्हें 'ओपी' और 'ताऊ' के नाम से जाना जाता था. 5 बार सीएम रहे ओमप्रकाश चौटाला को उनके पिता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने अपनी राजनीतिक विरासत सौंपी थी.
जब तस्करी के मामले में फंसे ओपी चौटाला
चौधरी देवीलाल और ओपी चौटाला के बीच का एक ऐसा किस्सा है, जो आज भी चर्चा में रहता है. एक बार देवीलाल ने अपने बेटे को घर से निकालने का ऐलान कर दिया था. यह घटना 22 अक्टूबर 1978 की है. उस समय ओमप्रकाश चौटाला बैंकॉक में साउथ-ईस्ट एशिया के एक सम्मेलन में गए हुए थे. भारत लौटते समय दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने उनके बैग से चार दर्जन घड़ियां और दो दर्जन महंगे पेन बरामद किए. यह खबर तेजी से फैली कि मुख्यमंत्री देवीलाल का बेटा तस्करी में पकड़ा गया है.
देवीलाल की सख्त प्रतिक्रिया
चौधरी देवीलाल चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में इलाज करवा रहे थे. उन्हें जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. देवीलाल ने कड़े शब्दों में कहा कि मेरे बेटे ओमप्रकाश के लिए मेरे घर के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं.
निर्दोष साबित हुए चौटाला
हालांकि, तत्कालीन वित्त मंत्री संपत सिंह ने स्पष्ट किया कि ओमप्रकाश चौटाला तस्करी नहीं कर रहे थे. विदेश दौरे के दौरान उन्हें गिफ्ट के रूप में घड़ियां और पेन मिले थे, जिन्हें वे अपने बैग में लेकर आए थे. मामले की जांच के बाद चौटाला निर्दोष साबित हुए. इसके बाद देवीलाल ने भी अपने बेटे को माफ कर दिया.
ओमप्रकाश चौटाला की विरासत
ओपी चौटाला ने हरियाणा की राजनीति में अपनी गहरी पकड़ बनाई. वे ना केवल अपने पिता की विरासत को संभालने में सफल रहे, बल्कि पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री भी बने. हालांकि, उनका जीवन कई उतार-चढ़ावों और चर्चाओं से भरा रहा.