'दिल्ली में सरकार गई, हाथ से शीशमहल भी गया...', क्या अब राज्यसभा जाएंगे केजरीवाल या फिर...?
पंजाब में राज्यसभा के चुनाव वर्ष 2028 में होंगे और दिल्ली में वर्ष 2030 में होंगे और इसलिए केजरीवाल को अब सिर्फ आम आदमी पार्टी का संयोजक बनकर रहना होगा. ये पद भी उनके पास कितने दिन रहेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है. शराब घोटाले में ED ने पूरी आम आदमी पार्टी को ही आरोपी बनाया है

दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को करारी हार का सामना करना पड़ा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में 62 सीट पाने वाली AAP इस बार 22 सीटों पर सिमट गई है. खुद अरविंद केजरीवाल अपनी विधानसभा सीट नई दिल्ली से 4000 से अधिक वोटों से प्रवेश वर्मा से हार गए हैं. अब एक बड़ा सवाल ये है कि इस हार के बाद अब केजरीवाल का क्या होगा? उनके पास अब कोई संवैधानिक पद नहीं है और ना ही वह वर्ष 2028 से पहले राज्यसभा के सांसद बन सकते हैं.
दरअसल, पंजाब में राज्यसभा के चुनाव वर्ष 2028 में होंगे और दिल्ली में वर्ष 2030 में होंगे और इसलिए केजरीवाल को अब सिर्फ आम आदमी पार्टी का संयोजक बनकर रहना होगा. ये पद भी उनके पास कितने दिन रहेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है. शराब घोटाले में ED ने पूरी आम आदमी पार्टी को ही आरोपी बनाया है और अगर पार्टी अदालत में दोषी साबित हो जाती है तो ये पार्टी भी खत्म हो जाएगी और केजरीवाल के पास संयोजक का पद भी नहीं रह पाएगा.
केजरीवाल के लिए अशुभ रहा शीशमहल
ऐसी स्थिति में केजरीवाल अभी जिस सरकारी बंगले में रह रहे हैं, वो भी उन्हें खाली करना पड़ेगा. इन नतीजों से ये भी स्पष्ट हो गया है कि अब केजरीवाल की उस शीशमहल में वापसी नहीं होगी, जिस पर करोड़ों रुपये खर्च हुए थे. असल में ये शीशमहल केजरीवाल के लिए काफी अशुभ रहा और वो इसमें रह ही नहीं पाए. पहले उन्हें जेल जाना पड़ा और अब वह चुनाव हार गए हैं.
अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत कई बड़े चेहरों की हार
केजरीवाल कहा करते थे कि अगर जनता उन्हें जेल में देखना चाहती है तो वो बीजेपी को वोट दे सकती है और आज ऐसा ही हुआ, और लोगों ने केजरीवाल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी अपना फैसला सुना दिया. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से उसके 48 यानी 69 प्रतिशत उम्मीदवार आज चुनाव हार गए हैं, और इनमें कई बड़े नेताओं के नाम हैं.
नई दिल्ली सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 4 हजार वोट से हार गए. जंगपुरा सीट से मनीष सिसोदिया 675 वोटों से हार गए. ग्रेटर कैलाश से सौरभ भारद्वाज 3 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए. मालवीय नगर से सोमनाथ भारती 2100 वोट से हार गए, और शकूर बस्ती से सत्येंद्र जैन 21 हजार वोट से हार गए. इनमें केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन, कुछ समय पहले तक जेल में थे और बाद में जमानत पर बाहर आकर उन्होंने ये चुनाव लड़ा था.