Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में सोमवार पौष पूर्णिमा पर शाही स्नान के साथ महाकुंभ 2025 की शुरू हो गई है. इस शाही स्नान के लिए शासन प्रशासन द्वारा विशेष तैयारी की गई है. इस बार महाकुंभ में करीब 40 से 45 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है. वहीं, महाकुंभ शुरू होने से पहले ही रविवार को यहां पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया. इस दौरान देश ही नहीं विदेशी श्रद्धालुओं में भी महाकुंभ को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. रूस, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों से आए श्रद्धालु कुंभ मेले में अपने 'सुंदर' अनुभव साझा कर रहे हैं.
विदेशी श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी
मोक्ष की तलाश में पहली बार भारत आए ब्राजील के भक्त फ्रांसिस्को ने अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा, "मैं पहली बार भारत आया हूं. मैं योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की तलाश में हूं. यहां सब अद्भुत है; भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है. यहां का पानी ठंडा है, लेकिन दिल गर्मजोशी से भरा है.
रूसी महिला ने लगाया ‘मेरा भारत महान’ का नारा
महाकुंभ 2025 के पहले शाही स्नान के मौके पर एक रूसी महिला सुबह-सुबह संगम के तट पर पहुंची. इस दौरान उन्होंने 'मेरा भारत महान' का नारा लगाते हुए कहा, "भारत एक महान देश है. हम पहली बार कुंभ मेले में आए हैं. यहां हम असली भारत को देख सकते हैं. असली शक्ति भारत के लोगों में निहित है. मैं इस पवित्र स्थान के लोगों के उत्साह को देख कांप रही हूं. मुझे भारत से प्यार है."
स्पेन से आए एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि वे वहां डुबकी लगाकर खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "यहां हमारे कई मित्र हैं - स्पेन, ब्राजील, पुर्तगाल से... हम आध्यात्मिक यात्रा पर हैं. मैंने पवित्र डुबकी लगाई और इसका भरपूर आनंद लिया; मैं बहुत भाग्यशाली हूं."
वहीं, महाकुंभ 2025 में साउथ अफ्रीका के केप टाउन से आए एक श्रद्धालु निक्की ने कहा, "यह बहुत शक्तिशाली है और हम गंगा नदी पर आकर बहुत धन्य महसूस कर रहे हैं."
मैसूर के रहने वाले और अब जर्मन नागरिक जितेश प्रभाकर अपनी पत्नी सास्किया नॉफ और अपने बच्चे आदित्य के साथ महाकुंभ में पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा, "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं यहां (भारत में) रहता हूं या विदेश में... जुड़ाव होना चाहिए. मैं हर दिन योग का अभ्यास करता हूं. व्यक्ति को जमीन से जुड़े रहना चाहिए और हमेशा अपने भीतर की यात्रा करने की कोशिश करनी चाहिए." वहीं, उनकी पत्नी सास्किया नॉफ ने कहा, "मैं महाकुंभ के लिए बहुत उत्साहित हूं. मुझे हमेशा यहां आना अच्छा लगता है.
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को सुविधा के साथ ही सुगम स्नान कराने के लिए संकल्पित योगी सरकार के प्रयासों का नतीजा महाकुंभ से पहले ही देखने को मिलने लगा है. महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा से एक दिन पूर्व ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने संगम स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया. पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व से पूर्व रविवार को लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं ने संगम त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई. बड़ी संख्या में साधु संतों के साथ ही पुरुषों, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों ने संगम में डुबकी लगाई. इससे पूर्व शनिवार को भी 33 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था.
सभी 13 अखाड़ों की छावनी में मौजूदगी
स्नान पर्व से पूर्व सभी प्रमुख साधु संत अखाड़ा क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं. महाकुंभ में सभी अखाड़ों का छावनी प्रवेश पूरा हो चुका है. रविवार को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन का छावनी क्षेत्र में प्रवेश हो गया है. इसके साथ ही महाकुंभ में सनातन के ध्वजवाहक 13 अखाड़ों की छावनी क्षेत्र में मौजूदगी दर्ज हो गई. 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहले अमृत स्नान पर सभी अखाड़े अपने क्रम के अनुसार स्नान करेंगे.
उल्लेखनीय है कि संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे सनातन आस्था से सबसे आयोजन महाकुंभ 2025 में अनेक रंग देखने को मिल रहे हैं. देश के कोने-कोने से अलग-अलग वेशभूषा में साधु संत यहां पर पहुंच रहे हैं. 144 साल बाद महाकुंभ के लिए कुछ खास संयोग बन रहा है. हर कोई कुंभ जाने से अपने आप को नहीं रोक पा रहा अलग-अलग तरह के महात्माओं के स्वरूप अलग-अलग तरह के अखाड़ा प्रमुख कुंभ के रंग में रंगे हुए नजर आ रहे हैं. First Updated : Monday, 13 January 2025