किसे, कैसे और किस विभाग को दी गई रिश्वत, अडानी ग्रुप पर लगाए आरोपों में कुछ भी साफ नहीं- पूर्व AG मुकुल रोहतगी

अडानी ग्रुप पर लगे रिश्वत के आरोपों के बीच पूर्व अटॉर्नी जनरल (AG) मुकुल रोहतगी ने कहा कि अडानी ग्रुप चेयरमैन गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) कोई मुकदमा नहीं. ये कुछ रेगुलेटरी द्वारा निजीतौर पर आरोप लगाए गए हैं.

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अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी इन दिनों मुश्किल भरे दौर से गुजर रहे हैं. दुनिया के अरबपतियों की सूची में शुमार गौतम अडानी के खिलाफ रिश्वत देने का आरोप लगा है. सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील और अटॉर्नी जनरल (AG) रह चुके मुकुल रोहतगी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों पर जवाब दिया. रोहतगी ने कहा कि अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर लगाए गए आरोप सरासर गलत हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका नियामकों द्वारा लगाए गए आरोप निजी विचार पर आधारित हैं. रोहतगी ने जोर देकर कहा कि गौतम अडानी और सागर अडानी का नाम अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के तहत रिश्वतखोरी और न्याय में बाधा डालने में नहीं है.

अडानी ग्रुप की ओर से हुए पेश
रोहतगी ने कहा कि एक विदेशी पार्टी समेत कुछ अन्य लोगों द्वारा नाम लिया गया है. वो अडानी से संबंधित है या नहीं, इसका वह जवाब देंगे. लेकिन में स्पष्ट करना चाहता हूं कि एफसीपीए के उल्लंघन और न्याय में बाधा डालने से संबंधित मामलों में अडानी का नाम नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि वह अडानी ग्रुप की ओर से अपनी बात रखने आए हैं. 

पूर्व एजी ने उठाए गंभीर सवाल
पूर्व एजी ने अफसोस जताया कि आरोपों में रिश्वतखोरी के विशिष्ट मामलों का विवरण नहीं दिया गया है. रोहतगी ने कहा, "जब आप किसी पर आरोप लगाते हैं तो आपको आरोपों के बारे में बताना होता है लेकिन यहां मुझे इस बात का कोई जानकारी नहीं मिली कि किसे कैसे या किस विभाग से रिश्वत दी गई.

अडानी ग्रुप ने भी आरोपों को नकारा
इससे पहले अडानी समूह ने बुधवार को कहा कि उसके अध्यक्ष और अरबपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा दर्ज रिश्वत मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी न्याय विभाग ने अडानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और प्रमुख कार्यकारी विनीत जैन पर आरोप लगाया है. उन पर आरोप है कि सौर ऊर्जा सप्लाई के लिए कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने की योजना में शामिल होने का आरोप है, जिससे अगले 20 सालों में संभावित रूप से 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का मुनाफा हो सकता है.

रिश्वतखोरी के आरोपों में फंसी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में साफ किया कि तीन व्यक्तियों पर एफसीपीए उल्लंघन का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट “गलत हैं. उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वे ऐसे अपराधों से जुड़े हुए हैं, जिनके लिए आर्थिक जुर्माना या दंड हो सकता है. First Updated : Wednesday, 27 November 2024