'व्यापार समझौते जरूरी, लेकिन इंडिया फर्स्ट...', भारत-अमेरिका ट्रेड डील से पहले जयशंकर का बड़ा बयान
India-US trade deal: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर अहम चर्चा चल रही है. इसी बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट किया कि व्यापार समझौतों का अपना महत्व है, लेकिन भारत के हित हमेशा सर्वोपरि रहेंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत 'इंडिया फर्स्ट' नीति के तहत संतुलित और रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है.

India-US trade deal: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. इसी बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट किया कि व्यापार समझौते महत्वपूर्ण हैं, लेकिन भारत के हित हमेशा सर्वोपरि रहेंगे. उन्होंने व्यापार वार्ता में निष्क्रियता बनाम सक्रियता की लागत पर जोर दिया और बताया कि भारत रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है. जयशंकर का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पारस्परिक टैरिफ की चेतावनी दी है. हालांकि, भारत सरकार ने बार-बार आश्वासन दिया है कि देश के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और वार्ताएं संतुलित तरीके से आगे बढ़ रही हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत वर्तमान में तीन प्रमुख व्यापार वार्ताओं में शामिल है, जिनमें अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA), यूरोपीय संघ (EU) और यूनाइटेड किंगडम (UK) के साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) शामिल हैं. उन्होंने बताया, "वैश्विक आर्थिक साझेदारी के संदर्भ में व्यापार समझौतों की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है. यह अब और अधिक आवश्यक हो गया है, और भारत को इसे समझना होगा." उन्होंने आगे कहा कि भारत ने हाल ही में न्यूजीलैंड के साथ भी वार्ता शुरू की है और कुछ अन्य समझौते भी पाइपलाइन में हैं. यह दर्शाता है कि भारत अपनी वैश्विक व्यापार नीति को संतुलित और व्यापक बनाने की दिशा में अग्रसर है.
व्यापार वार्ता में निष्क्रियता की संभावित हानियां
जयशंकर ने वैश्विक व्यापार वार्ताओं में निष्क्रियता की संभावित हानियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "आज की अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में, हमें व्यापार वार्ताओं के मूल्य को समझने की आवश्यकता है. हमें उनकी लागत और लाभ का सावधानीपूर्वक आकलन करना होगा." उन्होंने यह भी बताया कि संवेदनशील प्रौद्योगिकियों तक भारत की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय व्यापार नीति आवश्यक है. इस संदर्भ में, अमेरिका और अन्य देशों के साथ वार्ताएं भारत के दीर्घकालिक हितों के अनुरूप होंगी.
भारत-प्रथम दृष्टिकोण पर जोर
एस जयशंकर ने यह स्पष्ट किया कि भारत अपने 'इंडिया फर्स्ट' दृष्टिकोण को प्राथमिकता देगा. उन्होंने कहा, "भारत इस संबंध में स्पष्ट रूप से भारत प्रथम दृष्टिकोण अपनाएगा, जिसका लक्ष्य विकसित भारत होगा." उन्होंने बताया कि पहले के अधिकांश एफटीए एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के साथ थे, लेकिन अब भारत खाड़ी और पश्चिमी देशों के साथ संतुलन साधने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. यह केवल आर्थिक नहीं बल्कि रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है.
अमेरिका की टैरिफ नीति
डोनाल्ड ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत हाल ही में उन्होंने उन देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो अमेरिकी उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाते हैं. ट्रंप ने कहा, "भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं, लेकिन भारत ने अमेरिका पर बहुत अधिक टैरिफ लगाए हैं." इस संदर्भ में, भारत सरकार का स्पष्ट रुख है कि किसी भी व्यापार समझौते में भारत के हित सर्वोपरि रहेंगे. व्यापार वार्ताएं जारी हैं, लेकिन भारत अपने फैसले सोच-समझकर और रणनीतिक रूप से लेगा.