'हम डरने वाले नहीं हैं', नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ दायर चार्जशीट पर बोले खरगे
ईडी ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आरोपी नंबर 1 और 2 बनाया गया है. 9 अप्रैल को दायर चार्जशीट की विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने समीक्षा की और मामले में संज्ञान लेने के लिए आगे की कार्यवाही के लिए 25 अप्रैल 2025 की तारीख निर्धारित की. चार्जशीट में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे का भी नाम आरोपी के तौर पर शामिल है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के आरोपपत्र से पार्टी डरने वाली नहीं है. खरगे ने पार्टी महासचिवों के साथ बैठक के दौरान कहा, "हम डरने वाले नहीं हैं. ईडी की चार्जशीट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम शामिल करना और नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना, सब बदले की भावना से प्रेरित है." उन्होंने कहा कि यह महज संयोग नहीं हो सकता कि ईडी की कार्रवाई अहमदाबाद में आयोजित एआईसीसी अधिवेशन के तुरंत बाद हुई.
25 अप्रैल को होगी सुनवाई
ईडी ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आरोपी नंबर 1 और 2 बनाया गया है. 9 अप्रैल को दायर चार्जशीट की विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने समीक्षा की और मामले में संज्ञान लेने के लिए आगे की कार्यवाही के लिए 25 अप्रैल 2025 की तारीख निर्धारित की. चार्जशीट में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे का भी नाम आरोपी के तौर पर शामिल है.
खरगे ने यह भी कहा कि सरकार और भाजपा नेता वक्फ मुद्दे पर अफवाहें फैलाते हैं और पार्टी को उनकी साजिश का पर्दाफाश करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ मुद्दे पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए बिंदुओं को महत्व दिया. सरकार और भाजपा ने वक्फ मुद्दे पर अफवाह फैलाई.
साजिश को उजागर करना चाहिए
खरगे ने कहा कि सरकार और भाजपा नेताओं ने वक्फ मुद्दे पर अफवाह फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. हमें लोगों के बीच जाकर भाजपा की साजिश को उजागर करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ मुद्दे पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों को महत्व दिया है. कांग्रेस ने वक्फ विधेयक के खिलाफ पूरे विपक्ष को एक साथ लाया. सभी भारतीय ब्लॉक घटकों ने हमारा समर्थन किया."
गुरुवार को सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार के उस आश्वासन पर गौर किया जिसमें कहा गया था कि अधिसूचना या पंजीकरण के माध्यम से घोषित सभी वक्फ संपत्तियों की स्थिति की रक्षा की जाएगी. केंद्र ने यह भी आश्वासन दिया कि मई के पहले सप्ताह में अगली सुनवाई तक वक्फ परिषद या बोर्ड में किसी गैर-मुस्लिम की नियुक्ति नहीं की जाएगी.


