'हम एक बार जीते हैं और एक बार मरते हैं, तो फिर दंगे क्यों?', मुर्शिदाबाद में हिंसा के बीच बोलीं ममता बनर्जी

मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सोमवार को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में फिर से हिंसा भड़क उठी, जब वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. दक्षिण 24 परगना के भांगर इलाके में हुई हिंसा में कई लोग घायल हो गए.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के कई हिस्सों में वक्फ विरोधी प्रदर्शनों के बीच सोमवार को कहा कि हर जाति और धर्म के लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन सभी को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग दंगाइयों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन किसी को उन पर ध्यान नहीं देना चाहिए.

सीएम ममता ने कहा कि हम एक बार जीते हैं और एक बार मरते हैं. तो फिर दंगा क्यों होता है? हर जाति और धर्म के लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन कानून को अपने हाथ में न लें. कुछ लोग आपको गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, उन पर ध्यान न दें."

दक्षिण 24 परगना में फिर हिंसा

मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सोमवार को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में फिर से हिंसा भड़क उठी, जब वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. दक्षिण 24 परगना के भांगर इलाके में हुई हिंसा में कई लोग घायल हो गए.

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में स्थित भांगर में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान आईएसएफ के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. स्थिति हिंसा में बदल गई, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई. हिंसा तब भड़की जब पुलिस ने आईएसएफ समर्थकों को मध्य कोलकाता के रामलीला मैदान की ओर जाने से रोक दिया, जहां वे वक्फ (संशोधन) अधिनियम विरोधी रैली में शामिल होने जा रहे थे, जिसे पार्टी नेता और भांगर विधायक नौशाद सिद्दीकी ने संबोधित किया था.

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

इससे पहले दिन में, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा की जांच अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की गई थी. अधिवक्ता शशांक शेखर झा द्वारा दायर याचिका में सर्वोच्च अदालत से पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय से कानून-व्यवस्था तंत्र की विफलता के बारे में स्पष्टीकरण मांगने तथा पीड़ितों को मुआवजा और पुनर्वास का निर्देश देने का भी आग्रह किया गया है.

याचिका में वर्तमान में प्रभावित लोगों के जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की गई. याचिका में कहा गया है कि भारतीय संसद द्वारा वक्फ विधेयक पारित किए जाने के बाद पश्चिम बंगाल राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी और जिस तरह से विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया तथा विशेष रूप से हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया, उससे जीवन के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के संबंध में गंभीर संवैधानिक चिंताएं उत्पन्न होती हैं.

गौरतलब है कि वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कई इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है. 

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14 April 2025, 09:48 PM IST

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