'जब मैं जेल में था, उन्होंने मेरे बच्चों की फीस भरने की पेशकश की', मलेशियाई PM ने डॉ. मनमोहन सिंह को किया याद
Malaysian PM on Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुनिया भर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया. मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने डॉ. सिंह के बारे में एक घटना साझा की, जिसमें उन्होंने अनवर के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने की पेशकश की थी, जब वह जेल में थे. डॉ. सिंह को उनके आर्थिक सुधारों और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए याद किया जाता है.
Malaysian PM on Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुनिया भर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया. मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति अपनी श्रद्धांजलि में उनके जीवन से जुड़ा एक ऐसा किस्सा साझा किया, जिसने महान अर्थशास्त्री के मानवीय पक्ष को उजागर किया. यह घटना उस समय की है, जब अनवर जेल में थे, और डॉ. सिंह ने उनके बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने की पेशकश की थी.
कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड से शिक्षित, भारत के आर्थिक सुधारों के प्रमुख वास्तुकार और दो बार प्रधानमंत्री रह चुके डॉ. मनमोहन सिंह को उनके दूरदर्शी नेतृत्व और धैर्य के लिए याद किया जाता है. उनके निधन के बाद वैश्विक नेताओं और राजनेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
The weight of grief bears down on me at the news of the passing of my honoured and cherished friend: Dr Manmohan Singh.
— Anwar Ibrahim (@anwaribrahim) December 27, 2024
Obituaries, essays and books a plenty there will surely be about this great man, celebrating him as the architect of India’s economic reforms. As Prime… pic.twitter.com/44bA3s7vst
अनवर इब्राहिम का भावुक संदेश
मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डॉ. सिंह को याद करते हुए लिखा, "मेरे सम्मानित और प्रिय मित्र डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ. उनके योगदान को हमेशा भारत के आर्थिक सुधारों के निर्माता के रूप में याद किया जाएगा." 1990 के दशक में मलेशिया के वित्त मंत्री के रूप में काम करने वाले अनवर ने डॉ. सिंह के साथ अपने सहयोग और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता को भी याद किया.
जेल में मदद की पेशकश
अनवर ने बताया कि जब वे राजनीतिक साजिश के तहत जेल में थे, तब डॉ. सिंह ने उनके बच्चों, खासकर उनके बेटे इहसान की शिक्षा का खर्च उठाने की पेशकश की. यह कदम तत्कालीन मलेशियाई सरकार को नाराज़ कर सकता था, लेकिन डॉ. सिंह ने अपने मानवीय स्वभाव के अनुरूप यह प्रस्ताव दिया. हालांकि, अनवर ने विनम्रता से इस पेशकश को ठुकरा दिया. अनवर ने लिखा, "उन कठिन दिनों में, जब मैं जेल में था, डॉ. सिंह ने एक सच्चे मित्र की तरह साथ दिया. उनकी शांत उदारता के ये कार्य हमेशा मेरे दिल में रहेंगे."