पटना हाईकोर्ट की एक टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई है. हाईकोर्ट ने कहा था कि विधवा को मेकअप की जरूरत नहीं है, जिससे सुप्रीम कोर्ट काफी नाराज हुआ. यह मामला 1985 के एक हत्या केस से जुड़ा है, जिसमें एक महिला का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट ने महिला वकील को लेकर टिप्पणी की थी. साथ ही पाकिस्तान को लेकर भी कुछ कहा था. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई की जमकर फटकार लगाई थी.
पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में पांच लोगों को दोषी ठहराया और दो अन्य को बरी करने के अपने फैसले को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की टिप्पणी संवेदनशीलता और निष्पक्षता के अनुरूप नहीं है. कोर्ट ने यह भी बताया कि हाईकोर्ट ने जांच के दौरान पाया कि पीड़िता उस घर में रह रही थी, जहां से उसका अपहरण हुआ था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में मेकअप सामग्री का होना यह साबित नहीं करता कि विधवा को मेकअप करने की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने इस टिप्पणी को अत्यधिक आपत्तिजनक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि विधवा का मेकअप करने का अधिकार है, और इस तरह की टिप्पणियां अदालत से उम्मीद नहीं की जातीं.
इस मामले में, पीड़िता की हत्या अगस्त 1985 में हुई थी और उसके रिश्तेदार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसे सात लोगों ने अगवा किया था. निचली अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी ठहराया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई ठोस सबूत नहीं होने के कारण सभी आरोपियों को बरी किया जाना चाहिए. इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया. First Updated : Thursday, 26 September 2024