दिल्ली विधानसभा चुनाव: पुजारी ग्रंथी योजना पेंशन योजना का सियापा, राम जी के मुद्दे पर टकराव
आम आदमी पार्टी के चीफ अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी को पुजारी ग्रंथी योजना लागू करने की चुनौती दी है. केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास 20 राज्य हैं तो उन्हें पुजारी और ग्रंथियों के लिए पेंशन योजना लागू करनी चाहिए. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी से पूछा कि वे अपने शासित स्टेट में इस योजना को क्यों लागू नहीं करते.
नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी ( आप ) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की आलोचना करने पर भाजपा पर पलटवार किया. यह योजना दिल्ली में मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारा के ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रति माह मानदेय देने की योजना है. यह योजना 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले शुरू की गई है. केजरीवाल ने भाजपा पर निराधार आलोचना करने का आरोप लगाया.
कई राज्यों में है आपकी सरकार-केजरीवाल
उन्होंने कहा कि भाजपा वाले कल से ही मुझे गाली दे रहे हैं. जब से पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा हुई है. मेरा उनसे सवाल है कि क्या मुझे गाली देने से देश को फायदा होगा? आपकी 20 राज्यों में सरकार है. आप गुजरात में 30 साल से सत्ता में हैं आपने वहां के पुजारियों और ग्रंथियों का अब तक सम्मान क्यों नहीं किया? चलो, अब करो? मैंने सबको रास्ता दिखाया है.
केजरीवाल बोले-मुझे गाली देने के बजाय...
मुझे गाली देने के बजाय, आप इसे अपने 20 राज्यों में क्यों नहीं लागू करते, तब सभी को फायदा होगा? आप मुझे गाली क्यों देते हैं? केजरीवाल ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने दूसरों के लिए एक मिसाल कायम की है. उन्होंने कहा कि आज मैं अपनी पत्नी के साथ कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर से पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना का शुभारंभ करूंगा. सीएम आतिशी करोल बाग स्थित गुरुद्वारे से इस योजना का शुभारंभ करेंगी.
छिड़ गई है तीखी रानीतिक बहस
इस योजना को लेकर तीखी राजनीतिक बहस छिड़ गई है. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसे अपनी पकड़ खो रहे नेता द्वारा हताशापूर्ण और लोकलुभावन कदम करार दिया है. सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अब एक पराजित और हताश नेता हैं, जो सत्ता में बने रहने के लिए रोजाना लोकलुभावन घोषणाएं कर रहे हैं. उन्हें (दिल्ली सरकार को) अदालत में जवाब देना होगा कि उन्होंने मौलवियों जैसे पुजारियों और ग्रंथियों के लिए भुगतान क्यों नहीं किया.
इससे छुटकारा पाने को उन्होंने इस योजना की घोषणा की है... जब आप (आप) देखते हैं कि आप जमीन खो रहे हैं, तो 'तुम्हें राम नाम याद आ रहा है. उन्होंने आगे दावा किया कि पिछले दो वर्षों में दिल्ली भाजपा और उसके पुजारी प्रकोष्ठ के दबाव ने केजरीवाल को इस योजना की घोषणा करने के लिए मजबूर किया.